VS CHAUHAN KI REPORT
मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल से योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया। उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है कि इस अभियान से व्यापक जनजागरूकता आई है। इससे लिंगानुपात में सुधार भी देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने आस पास देखें तो पाएंगे कि आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां बेटियों ने सफलता न पाई हो। उन्होंने कहा कि नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना बेटियों को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण योजना है। सरकार जल्द ही मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना लांच करने जा रही है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए हमें दोहरी मानसिकता को खत्म करना है। प्रकृति और संविधान ने समानता का संदेश दिया है। बेटियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि महिला व पुरुष का समाज में समान महत्व है। भेदभाव की सोच को समाप्त करना है।
योजना के लिए यह है जरूरी
योजना के लाभ के लिए महिलाओं का आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकरण जरूरी है। उन्हें सरकारी या निजी अस्पताल की माता-शिशु रक्षा कार्ड की प्रति भी देनी होगी। इसके अलावा पहले, दूसरे एवं जुडंवा कन्या के जन्म के लिए स्वप्रमाणित घोषणा पत्र देना होगा। वही नियमित सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं आयकरदाता न होने का प्रमाण पत्र भी देना होगा।
गर्भवती महिलाओं और कन्या शिशुओें को किट में यह मिलेगी सामग्री
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट में गर्भवती महिलाओं को 250 ग्राम बादाम गिरी, 500 ग्राम छुआरा, दो जोड़ी जुराब, एक स्कार्फ कॉटन, दो तौलिया, एक ब्लैंकेट गर्म, एक गर्म शॉल फुल साइज, दो बेड शीट, दो पैकेट सेनेटरी नैपकिन, 500 मिली. सरसों तेल, नहाने के चार साबुन, कपड़े धोने के चार साबुन। जबकि कन्या शिशु को दो जोड़ी शिशु के कपड़े, एक पैकेट सूती लंगोट के कपड़े, एक बेबी तौलिया, एक रबर शीट, दो बेबी ब्लैंकेट, एक टीकाकरण कार्ड, एक पोषाहार कार्ड, एक सामग्री पैक करने के लिए बैग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना से हर साल 50 हजार महिलाओं और नवजात कन्या शिशुओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। महिलाओं और नवजात कन्या शिशुओं की देखभाल के लिए सरकार की ओर से इस योजना को शुरू किया गया है।