VSCHAUHAN KI REPORT
घाटे में चल रहे निगम की बसों को यूपी में प्रवेश के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की थी। शासन स्तर से भी कई बार यूपी सरकार को अनुरोध भेजा गया था। आखिरकार बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने बस संचालन की अनुमति का जैसे ही आदेश जारी किया, वैसे ही उत्तराखंड परिवहन निगम ने बस सेवा शुरू कर दी।
62 दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड की बसों को एंट्री मिल गई। यूपी सरकार ने जैसे ही बुधवार को इसकी अनुमति दी, वैसे ही परिवहन निगम ने बसों का संचालन शुरू कर दिया।
दरअसल, कोविड कर्फ्यू की वजह से उत्तर प्रदेश सरकार ने सात मई को सभी राज्यों से आने वाली बसों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस रोक की वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम की बस सेवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई क्योंकि यूपी से होते हुए ही उत्तराखंड की तमाम बसें दिल्ली व अन्य राज्यों के लिए चलती हैं।
दिल्ली के लिए 15, बरेली, हल्द्वानी के लिए भेजी गाड़ियां
परिवहन निगम के मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता ने बताया कि दोपहर करीब तीन बजे उत्तर प्रदेश से बस संचालन की अनुमति आई। लिहाजा, दिनभर में करीब 15 बसें दिल्ली भेजी गईं। हल्द्वानी के लिए भी एक बस भेजी गई। सहारनपुर के लिए करीब तीन बसें और बरेली के लिए दो बसें भेजी गईं।
गढ़वाल-कुमाऊं के बीच बस सेवा सुचारू
यूपी में संचालन पर रोक की वजह से गढ़वाल और कुमाऊं में भी बस संचालन नहीं हो पा रहा था। अब बुधवार से दोनों मंडलों के बीच बस संचालन सुचारु हो जाएगा।
ऋषिकेश से पुराने रूट पर दौड़ेंगी दिल्ली की बसें
अब ऋषिकेश से दिल्ली जाने वाली बसों को हरियाणा के करनाल से होकर नहीं जाना होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड रोडवेज की बसों को प्रदेश में आने की अनुमति दे दी है। बृहस्पतिवार से पुराने रूट पर बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।