VSCHAUHAN KI REPORT
राजपुर थाना क्षेत्र में बंगाल की युवती की हत्या के मामले में पुलिस ने घटना में शामिल पिता-पुत्र को भी गिरफ्तार कर लिया है। युवती की हत्या के मुख्य आरोपित अंकित चौधरी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मृतक के शव को जंगल में ले जाने के लिए अंकित ने आरोपित की कार का इस्तेमाल किया था और जिस दिन युवती की हत्या हुई थी दोनों पिता-पुत्र घटनास्थल पर ही मौजूद थे।
एसओ राजपुर राकेश शाह ने बताया कि 25 जून को हलधर मुखर्जी निवासी छोरा अस्पताल, बहला वर्धमान (बंगाल) ने एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया। इसमें बताया कि उनकी बेटी निवेदिता मुखर्जी बीते आठ माह से वह देहरादून के एक निजी संस्थान में पढ़ा रही थी। अक्टूबर 2020 में फेसबुक के जरिये वह देहरादून के मैटीरियल सप्लायर अंकित चौधरी के संपर्क में आई। अंकित मूलरूप से फंदपुरी गांव सहारनपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, लेकिन लंबे समय से देहरादून में ही रह रहा है। हलधर मुखर्जी के अनुसार दोनों विवाह करना चाहते थे।
निवेदिता की अपनी मां से अंतिम बार 28 अप्रैल को फोन पर बात हुई थी। इसके बाद काफी कोशिश के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया। निवेदिता के स्वजन अंकित से फोन पर संपर्क करने की कोशिश करते रहे, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। बाद में अंकित से फेसबुक पर चैट की गई। चैटिंग के दौरान उसने बताया कि निवेदिता की फ्लैट से गिरने से मृत्यु हो गई है और उसने अंतिम संस्कार भी कर दिया है। पुलिस ने जांच के बाद अंकित चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे 26 जून को गिरफ्तार किया था। अंकित चौधरी के बयानों के आधार पर सामने आया कि अनुज नारंग व उसके पिता चंद्रप्रकाश नारंग निवासी निवासी नारंग स्वीट्स अपोजिट कलेक्ट्रेट थाना सदर बाजार दिल्ली रोड सहारनपुर भी घटना में शामिल हैं। शनिवार को उन्हें देहरादून से ही गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान अनुज ने बताया कि अंकित चौधरी उसका दोस्त है। दोनों नौ अप्रैल से जाखन स्थित एक ही फ्लैट में रह रहे थे। घटना वाली रात अनुज नारंग व उसके पिता चंद्रप्रकाश नारंग वहीं फ्लैट पर मौजूद थे। रात को अंकित चौधरी व निवेदिता मुखर्जी के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। अंकित ने बालकनी में बैठी निवेदिता को धक्का दे दिया। इसके बाद वह तीनों तुरंत नीचे पहुंचे व गंभीर रूप से घायल निवेदिता को फ्लैट में ले गए। कुछ ही देर बाद निवेदिता की मृत्यु हो गई। अंकित चौधरी अनुज की कार की डिक्की में शव डालकर जलाने के लिए मसूरी की तरफ ले गया।