उत्तराखंड की रोडवेज बसें चंडीगढ़, धर्मशाला, शिमला और रोहड़ू के लिए चलनी शुरू.

VSCHAUHAN KI REPORT

पिछले दो महीने से बंद अंतरराज्यीय बस परिवहन शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश से मिली मंजूरी के बाद गुरुवार सुबह से उत्तराखंड की रोडवेज बसें चंडीगढ़, धर्मशाला, शिमला और रोहड़ू के लिए चलनी शुरू हो गईं। इसके साथ ही चंडीगढ़ एवं हिमाचल रोडवेज की बसों का भी देहरादून व हरिद्वार पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। हिमाचल रोडवेज की बसें दून व हरिद्वार से मनाली, बिलासपुर, सरकाघाट और मंडी के लिए चलने लगीं हैं।

पहले दिन चंडीगढ़ के लिए यात्रियों का बढिय़ा रिस्पांस मिला। हालांकि, यह माना जा रहा कि पहले दिन ज्यादा यात्री रहने का कारण यात्रियों का जगह-जगह फंसा होना भी हो सकता है। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि दो-तीन दिन ताजा व्यवस्था पर ही बसों का संचालन किया जाएगा। उसके बाद बसें अलग-अलग रूटों पर बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा। यात्रियों की डिमांड जहां होगी, वहां के लिए बसें संचालित की जाएंगी।

ऐसे हुआ बसों का संचालन

दून से चंडीगढ़ के लिए पहली बस सुबह आठ बजे गई, जिसमें 35 यात्री सवार हुए। फिर साढ़े नौ बजे बस भेजी गई, जिसमें 20 यात्री, साढ़े दस बजे 30 यात्री और दोपहर 12 बजे 25 यात्री लेकर बस चंडीगढ़ भेजी गईं। ऋषिकेश डिपो की दो बस चंडीगढ़ के लिए ऋषिकेश से देहरादून आइएसबीटी पर पहुंची और सुबह साढ़े 11 बजे गई बस में 28 यात्री, जबकि दोपहर ढाई बजे गई बस में 40 यात्री गए। कोटद्वार डिपो से भी एक बस चंडीगढ़ के लिए निकली और देहरादून आइएसबीटी से शाम पांच बजे 30 यात्रियों समेत रवाना हुई। हरिद्वार से रोहड़ू गई बस मे 35 यात्री गए, जबकि शिमला वाली बस में 38 यात्री गए। दून से धर्मशाला के लिए शाम साढ़े पांच बजे बस 21 यात्री लेकर रवाना हुई।

दिल्ली-गुरूग्राम के लिए बस रिजर्व

दिल्ली व गुरूग्राम के लिए रोडवेज की पांच बसें आइएसबीटी पर रिजर्व में रखी गई हैं। डिपो अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि अगर यात्री पर्याप्त हों तो बसों को वाया यमुनानगर-करनाल दिल्ली मार्ग पर भेज दिया जाए। हालांकि, गुरुवार को आनलाइन बुकिंग सर्वर के काम नहीं करने से दिल्ली के टिकट आनलाइन बुक नहीं हो सके। शुक्रवार से आनलाइन टिकट बुकिंग शुरू हो सकती है।

आइएसबीटी पर लौटी रौनक

अंतरराज्यीय बस संचालन शुरू होने के साथ ही आइएसबीटी की रौनक फिर लौट आई। दो माह बंद रहे आइएसबीटी परिसर में दुकानें व कार्यालय भी खुले नजर आए। पहले दिन सामान्य स्थिति रही एवं प्रशासन की ओर से शारीरिक दूरी का अनुपालन भी कराया गया। सुबह छह बजे से ही यात्रियों की चहल पहल शुरू हो गई। आइएसबीटी में सामान्य होते माहौल के बीच परिचालक की यात्रियों को बुलाने की आवाज फिर से सुनाई देने लगीं। हालांकि, भीड़ फिलहाल सामान्य रही और ज्यादातर बसें 50 से 60 फीसद यात्री लेकर रवाना हुईं। आइएसबीटी परिसर में महज एक ही प्रवेश और निकास द्वार खोला गया है।

व्यापारियों का रोजगार शुरू

परिसर में स्थित दुकानें भी करीब ढाई माह खोली गई हैं। यहां स्थित एक दुकान के मालिक सुबोध परमार का कहना है कि कोरोना के कारण बस संचालन बंद होने से उन्हें घर पर बैठना पड़ा। दुकान बंद रही व रोजगार का कोई भी दूसरा साधन नहीं था। अब दुकानें खोल दी गई हैं। परमार उम्मीद करतें हैं कि ज्यादा से ज्यादा यात्री पहुंचें व उनका भी कारोबार चले।

प्रशासन की टीम ने किया निरीक्षण

अंतरराज्यीय परिवहन शुरू करने से पूर्व गुरूवार सुबह जिला प्रशासन की टीम ने आइएसबीटी का निरीक्षण किया। एडीएम प्रशासन बीर सिंह बुदियाल ने बस अड्डे की व्यवस्था जांची व आइएसबीटी पुलिस को एसओपी के मुताबिक व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए। एडीएम ने निर्देश दिए कि कोई भी बस आइएसबीटी के बाहर न खड़ी हो और कोई यात्री बाहर न उतरे और न ही बाहर से बस में चढ़े। जिम्मेदारी पुलिस को दी गई। आइएसबीटी के अंदर भी यात्रियों के बैठने की समुचित व्यवस्था व शारीरिक दूरी का पालन कराने का निर्देश दिया गया। यात्रियों की थर्मल चेकिंग एवं नाम पते की जांच के लिए प्रशासन और पुलिस की टीम आइएसबीटी पर मौजूद रहेगी। कोरोना और स्मार्ट सिटी पोर्टल पर आवेदन की जांच के लिए दो काउंटर बनाए गए हैं

हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग

बसों में सफर करने वाले हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही। बताया गया कि अंतरराज्यीय बस सेवाओं में चाहे यात्री उत्तराखंड आए या जाए या, दोनों परिस्थिति में देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। किसी कारणवश पंजीकरण के बिना यात्री प्रदेश में आता है तो बस अड्डे पर प्रशासन की टीम पंजीकरण करेगी। यह शर्त केवल उत्तराखंड की बसों के लिए ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य की बसों के लिए भी अनिवार्य रहेगी।

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