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उत्तराखंड परिवहन निगम का अस्तित्व बचाने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए यूपी के जमाने चले आ रहे कुछ नियमों में बदलाव करने की तैयारी है। इसके लिए प्रबंध निदेशक ने मुख्यालय स्तर के अफसरों का एक अध्ययन दल बनाया है। यह दल 15 दिन में रिपोर्ट देगा। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद निगम हित को देखते हुए नियमों बदलाव किया जाएगा।राज्य गठन के तीन साल बाद 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम का गठन हुआ। गठन के बाद से एक साल को छोड़ दें तो बाकी सभी सालों में उत्तराखंड रोडवेज घाटे में रहा है।
कोरोनाकाल ने घाटे को कई गुना बढ़ा दिया है। निगम पर करोड़ों रुपये की देनदारी चल रही है। कर्मचारियों को पांच महीने से वेतन नहीं मिल पाया। ऐसे में रोडवेज का अस्तित्व खतरे में आ गया है। उत्तराखंड रोडवेज जरूर बना, लेकिन नियमावली आज भी यूपी की चल रही है। यहां बस संचालन, अकाउंटिंग समेत अन्य काम यूपी की तर्ज पर होते हैं। जबकि उत्तराखंड और यूपी की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग है। ऐसे में प्रबंध निदेशक ने रोडवेज को बचाने की कवायद तेज कर दी है।
अध्ययन दल इन बिंदुओं पर देगा रिपोर्ट
दल गठन का मुख्य उद्देश्य रोडवेज की इनकम बढ़ाने और खर्चे कम करने के लिए सुझाव देना है। इसके लिए क्या बदलाव किए जा सकते हैं, बिंदुवार इसकी रिपोर्ट देनी है। यूपी के समय की नियमावली के बारे डिटेल देनी है। यदि इसमें बदलाव की जरूरत है तो उसको लेकर सुझाव देने हैं। आय के स्रोत कैसे बढ़ाए जाएंगे इसके बारे में भी बताना है। दल में महाप्रबंधक (प्रशासन), महाप्रबंधक (संचालन), महाप्रबंधक (कार्मिक), महाप्रबंधक (तकनीकी), वित्त नियंत्रक समेत अन्य अधिकारी रहेंगे।
500 कर्मचारियों को मिलेगा मेडिकल क्लेम
रोडवेज में 2017 से कर्मचारियों को मेडकिल क्लेम नहीं मिल पाया था। कर्मचारियों ने प्रबंधन को बिल दे रखे हैं, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। ऐसे में कर्मचारी कभी डिपो तो कभी मंडलीय कार्यालय और मुख्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं, लेकिन अब कर्मचारियों को ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है। प्रबंध निदेशक आशीष चौहान ने लंबित पड़े सभी बिलों का भुगतान करने के आदेश कर दिए हैं। महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन ने बताया कि 500 कर्मचारियों का एक करोड़ का क्लेम अटका हुआ है। अब इसका भुगतान कर दिया जाएगा।
हम रोडवेज की आर्थिक स्थिति में सुधार के प्रयास कर रहे हैं। कुछ दिनों में इसके परिणाम भी देखने को मिल जाएगा। इसके लिए अध्ययन दल बनाया है। जो इनकम बढ़ाने और खर्चे कम करने को लेकर रिपोर्ट देगा। इसके साथ ही उत्तराखंड रोडवेज में यूपी के जमाने की नियमावली है, यदि इसमें बदलाव की जरूरत पड़ती है तो इस पर भी विचार करेंगे।