नोएडा से मुकेश कुमार की रिपोर्ट
प्रतीकात्मक चित्र
दिल्ली पुलिस के एक अफसर बताते हैं कि करीब चार साल पहले सुशील ने एक बड़ी कंपनी से नॉर्थ इंडिया के सभी टोल प्लाजा पर टैक्स वसूलने का ठेका हासिल किया था। इन टोल से अवैध शराब लेकर हरियाणा के गैंगस्टरों के ट्रक भी गुजरा करते हैं। कारोबारियों से जबरन वसूली करने वाले गैंगस्टर टोल प्लाजा के ठेकेदारों से भी रंगदारी मांगते हैं। पहलवान सुशील को जब इन टोल का ठेका मिला तो बदमाशों ने पूर्व वर्ल्ड चैंपियन पहलवान से संपर्क साधा। काला जठेड़ी गैंग ने रंगदारी तो नहीं मांगी, लेकिन अपने अवैध शराब से लदे ट्रकों को टोल टैक्स से छूट देने की शर्त रखी। इस तरह से सुशील और काला जठेड़ी गैंग करीब आ गए।
विदेश से ऑपरेट करता है काला जठेड़ी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली और हरियाणा के अधिकतर गैंगस्टर मकोका लगने से जेल चले गए। फरवरी 2020 में काला जठेड़ी के साथी उसे फरीदाबाद में पुलिस कस्टडी से फायरिंग करते हुए छुड़ा ले गए। पुलिस का दावा है कि यह सात लाख रुपये का इनामी गैंगस्टर विदेश भाग गया है, जहां से दिल्ली में पांव पसार लिए हैं। राजस्थान और हरियाणा के कारोबारियों के अलावा अब दिल्ली के बिजनेसमैनों से भी जठेड़ी गैंग रंगदारी मांग रहा है। अगर कोई मना करता तो गुर्गों से फायरिंग कराकर दहशत फैलाई जाती। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुशील से जुड़े लोग डरे-सहमे कारोबारी से सेटलमैंट के लिए संपर्क करते और बीच का रास्ता निकाल लिया जाता है
सुशील से गैंगस्टर के भाई की पुरानी दोस्ती
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मकोका के तहत जेल में बंद मुंडका के पूर्व विधायक रामबीर शौकीन भी पहलवान रह चुका है। सुशील से उसकी पुरानी दोस्ती है। रामबीर और बहादुरगढ़ के असौदा गांव का राजीव उर्फ काला असौदा रिश्ते में एक-दूसरे के भाई लगते हैं। बवाना का नीरज सहरावत उर्फ नीरज बवानिया दोनों का सगा भांजा है। उम्रकैद की सजा काट रहे काला असौदा को 2017 में झज्जर कोर्ट के बाहर अशोक प्रधान उर्फ शोकी गैंग के गुर्गों ने मार दिया था। स्पेशल सेल ने सुरेंद्र मलिक उर्फ नीतू दाबोदिया को 2013 में एनकाउंटर में मार गिराया था। अब जेल में बंद अशोक प्रधान अब दाबोदिया गैंग को चला रहा है।
नीरज बवानिया 2004 से जुर्म की दुनिया में है, जो कभी दाबोदिया गैंग का गुर्गा था। लेकिन नीतू ने 2011 में नीरज के करीबी सोनू पंडित की हत्या कर दी। यहीं से दोनों को रास्ते अलग हो गए। मुंडका वाले मामा रामबीर शौकीन और असौदा गांव के मामा राजीव उर्फ काला की मदद से नीरज अपना साम्राज्य फैलाने लगा। नीतू के कई गुर्गों को मौत के घाट उतार दिया। नीतू मारा गया तो नीरज को खुला मैदान मिल गया। अशोक प्रधान के गुर्गों ने 2017 में काला असौदा को मार बवानिया को झटका दिया। फिलहाल रामबीर जेल में हैं। नीरज भी जेल में एकांतवास में है। इसलिए गैंग नवीन बाली और उसका भाई राहुल काला ऑपरेट कर रहे हैं।
फ्लैट को लेकर भिड़े सुशील और काला जठेड़ी के मामा का बेटा
पुलिस अफसर बताते हैं कि कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कमान संभाल रहे काला जठेड़ी ने जेल में बंद गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी और परोल जंप कर विदेश भाग गया कुलदीप सांगवान उर्फ नंदू से हाथ मिला लिया है। इससे बवानिया गैंग कमजोर पड़ गया है, जिसके गुर्गे अब इसे खड़ा करने में लगे हैं। बहरहाल, मॉडल टाउन के फ्लैट को लेकर सुशील और काला जठेड़ी के मामा के बेटे जय भगवान उर्फ सोनू महाल के बीच भिड़ंत हुई। रामबीर से करीबी होने से असौदा और बवानिया गैंग सुशील के पक्ष में खड़े हो गए। इसलिए 4-5 मई की दरम्यानी रात को छत्रसाल स्टेडियम में हुए सागर पहलवान हत्याकांड में अब तक गिरफ्तार बदमाश इन दोनों गैंग से जुड़े मिले हैं।
गोगी पर लगे मकोका में जठेड़ी वॉन्टेड
पुलिस सूत्रों ने बताया कि काला जठेड़ी पर अलग से स्पेशल सेल ने मकोका का केस दर्ज नहीं किया है। इस साल मार्च में जीटीबी अस्पताल से गोगी गैंग के कुलदीप उर्फ फज्जा को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने के मामले में जठेड़ी का हाथ था। स्पेशल सेल के पकड़े बदमाशों ने भी इसका खुलासा किया था। इसलिए गोगी पर लगे मकोका के मुकदमे में ही जठेड़ी को भी आरोपी बना दिया गया है। मकोका लगने पर पूरा गैंग इसके दायरे में आ जाता है। स्पेशल सेल इसी केस के सिलसिले में दूसरे राज्यों की जेलों में बंद लॉरेंस बिश्नोई, संपत नेहरा उर्फ काली, राजू बासोदी, रवींद्र उर्फ काली का प्रॉडक्शन रिमांड लिया। जठेड़ी मकोका के इसी केस में वॉन्टेड है।