मेरठ से गौरव अग्रवाल की रिपोर्ट
अलीगढ़ में शराब पीने से 12 लोगों की मौतों के बाद उत्तर प्रदेश के आबकारी महकमे में हड़कंप मच गया है ।सीएम की सख्ती का असर पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी देखने को मिला। मेरठ में अवैध नकली शराब की तलाश में छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है वहीं पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग की टीम ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर शराब के ठेकों की भी जांच कर रही है।
आलोक कुमार, जिला आबकारी अधिकारी
जी हां यह तस्वीरें मेरठ की है जहां शराब के ठेकों पर इस समय पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग की टीम जांच करने में जुटी हुई हैं ।ठेकों पर कितना माल है और कितना बिका इसके अलावा कहीं कोई और तरीके से शराब ठेकों पर तो नहीं बेची जा रही है। इसकी गहराई से जांच की जा रही है। ताकि ठेके से शराब खरीद कर पीने वाले सुरक्षित रहें। इसके अलावा मेरठ के खादर इलाके में भी कच्ची शराब बनाने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है। मेरठ के हस्तिनापुर मवाना परीक्षितगढ़ और किठौर थाना क्षेत्र में शराब बनाने के मामले में पहले जेल गए लोगों को खंगाला जा रहा है।
सत्येंद्र सिंह ,सिटी मजिस्ट्रेट
इस मामले पर जब मीडिया ने सिटी मजिस्ट्रेट से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि शराब की बोतलों पर हॉलमार्क और बारकोड देखकर ही सरकारी ठेकों से शराब ले ग्राहक। इसके अलावा पुलिस ने कुछ ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया है जो शहरी इलाकों में शराब की तस्करी के मामलों में लिप्त होकर जेल गए हैं ऐसे लोगों पर भी पुलिस नजर बनाए हुए हैं। आपको बता दें कि जहरीली शराब पीने से मौतों के मामले मेरठ में भी सामने आ चुके हैं ।हाल ही में प्रधानी के चुनाव में शराब पीने के बाद मेरठ के एक गांव के 10 लोगों की तबीयत बिगड़ी और वह मौत की नींद सो गए। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई भी की। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आबकारी विभाग क्या कुंभकरण नींद सो रहा है.