वीएस चौहान की रिपोर्ट
अब मोहंड से देहरादून के बीच के जंगलों में भी मोबाइल की घंटी सुनाई देगी। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने इसके लिए पहल की है, जिसके बाद 12 किलोमीटर क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि देहरादून से मोहनड के जंगलों के बीच मोबाइल टावर गायब हो जाते थे इमरजेंसी में किसी को भी कॉल करना मुश्किल हो जाता था.जल्द ही आशारोड़ी डाटकाली से लेकर मोहंड तक मोबाइल टावरों की स्थापना हो जाएगी। भारतीय दूरसंचार विभाग और रिलायंस टेलीकॉम ने इस क्षेत्र में पांच से सात स्थान मोबाइल टावर लगाने के लिए चिह्नित किए हैं। जिसमें से तीन लोकेशन उत्तराखंड वन विभाग की सीमा के अंतर्गत हैं और उसका राज्य सरकार द्वारा तेजी से भूमि हस्तांतरण का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
इस समस्या को लेकर उत्तर प्रदेश वन विभाग की सीमा के अंदर आने वाली चार लोकेशन के लिए सांसद अनिल बलूनी ने यूपी के वन मंत्री दारा सिंह चौहान से चर्चा की है। उन्होंने सहर्ष सहमति देते हुए अपने अधिकारियों को उक्त क्षेत्र में सहयोग करने का निर्देश दिया है। जल्द उत्तर प्रदेश सरकार की अनापत्ति और अन्य औपचारिकताएं पूर्ण हो जाएंगी, जिसके बाद तेजी से टावरों की स्थापना का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा।
दोनों राज्यों की सरकारों की त्वरित सिफारिश से शीघ्र ही आमजन को दूरसंचार सेवा का लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान के सकारात्मक सहयोग व त्वरित रूप से प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रयास से उम्मीद जगी है कि सरकारी भूमि हस्तांतरण प्रक्रियाओं के बाद दूरसंचार कंपनियां इस कार्य में तेजी दिखाएंगी।
वन्यजीवों की बहुलता के कारण दुर्घटना की बनी रहती है आशंका
सांसद बलूनी का कहना है कि यह संपूर्ण वन क्षेत्र हैं। किसी दुर्घटना के होने पर या वाहन खराब होने पर मोबाइल में टावर ना होने के कारण प्रभावित व्यक्ति कहीं संपर्क नहीं कर पाता है और वन्यजीवों की बहुलता के कारण भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ऐसे में जंगल के बीच मोबाइल चालू रहना जरूरी है ताकि आप वक्तत बेवक्त किसी को भी कॉल कर सकें.
मोबाइल टावर लगने वाले स्थान
– निकट आरटीओ चेकपोस्ट, देहरादून
– आशारोड़ी पुलिस चौकी, फॉरेस्ट चेकपोस्ट
– डाट काली मंदिर
– वन गुर्जर डेरे के निकट
– पुराने लोहे के पुल के पास
– शिवालिक फॉरेस्ट रेंज, मोहंड से पहले
– मोहंड, सहारनपुर