मुकेश कुमार की रिपोर्ट
भारत के दिग्गज पहलवान सुशील कुमार को सागर राणा मर्डर केस में दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार फरारी के वक्त सुशील कुमार पहले हरियाणा नम्बर की कार को इस्तेमाल कर रहा था. फिर वो कार छोड़कर एक स्कूटी का इस्तेमाल कर रहा था, दिल्ली में अपने साथी के साथ वह इसी स्कूटी पर जा रहा था. दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार पर 1 लाख का इनाम घोषित कर दिया था जबकि उनके साथी अजय पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था.
इंस्पेक्टर शिवकुमार और इंस्पेक्टर कर्मबीर के नेतृत्व वाली स्पेशल सेल ने सुशील कुमार को अरेस्ट किया है इस टीम को ACP अत्तर सिंह सुपरवाइज कर रहे थे. लेकिन ओलंपिक विजेता पहलवान लगातार किसी पेशेवर अपराधी की तरह पुलिस को चकमा देता रहा, मिली जानकारी के अनुसार पहलवान सुशील कुमार अलग नंम्बरों से अपने करीबियों के संपर्क में था. दिल्ली पुलिस की कई टीमें पहलवान सुशील कुमार की तलाश में लगी हुईं थीं. लेकिन आखिरकार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने उन्हें दिल्ली से ही अरेस्ट कर लिया है.
दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाले सुशील के साथ उनके साथी को भी दबोच लिया गया है। 2008 बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल और 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल देश को दिलाने वाले सुशील का हत्यारोपी बनने तक की काफी रोचक है। भारत के युवा पहलवानों के रोल मॉडल कहे जाने वाले सुशील को बंदूकों से खास लगाव है। उन पर पहले भी जूनियर रेसलर्स को प्रताड़ित करने के आरोप लगते रहे हैं।
सुशील 2016 में रियो ओलंपिक से पहले विवादों में फंसे थे। दरअसल, महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह पंचन यादव ने सितंबर 2015 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में भारत को ओलंपिक कोटा दिलाया था। नरसिंह ने तब कांस्य पदक जीता था। उनके जीतने के बाद विवाद हो गया था। सुशील कुमार ने भी 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग के लिए अपना दावा ठोक दिया था। नियमों के मुताबिक, जिस खिलाड़ी ने कोटा हासिल किया है उसे वह नहीं मिलता है। कोटा देश को मिलता है। ऐसा सिर्फ कुश्ती में ही नहीं, निशानेबाजी और मुक्केबाजी में भी होता है।
सुशील किसी कारणवश ओलंपिक क्वालिफायर्स का हिस्सा नहीं बन सके थे। भारतीय कुश्ती महासंघ ने सुशील और नरसिंह के बीच ट्रायल करने का वादा किया था। वह बाद में मुकर गया। इसे सुशील ने कोर्ट में चुनौती दी थी। वहां उनकी अपील खारिज हो गई थी। ओलंपिक में नरसिंह का जाने का रास्ता साफ हो गया। फिर एक घटना घटी। ओलंपिक से 10 दिन पहले नाडा द्वारा कराए गए डोप टेस्ट में नरसिंह पॉजिटिव पाए जाते हैं और उनका सपना टूट जाता है।
नाडा ने उन्हें क्लीन चीट दे दी थी, लेकिन वाडा (वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी) ने नरसिंह को ओलंपिक में हिस्सा लेने से रोक दिया। साथ में चार साल का प्रतिबंध भी लगा दिया। नरसिंह तब सुशील पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके कहने पर ही खाने में मिलावट की गई थी। सुशील इसके बाद 2017 में फिर से विवादों में फंसे। तब उनपर पहलवान से मारपीट करने का आरोप लगा था। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान सुशील पर पहलवान प्रवीण राणा ने मारपीट करने का आरोप लगाया था।
सुशील के बारे में कहा जाता है कि उन्हें बंदूक रखने का शौक था। वे बात-बात पर किसी पर भी बंदूक तान देते थे। वे पहले टोल का भी ठेका लेने काम करते थे, लेकिन बाद में छोड़ दिया। उस दौरान यह कहा जाता था कि इस रेसलर ने MCD के टोल का ठेका लिया था। इसे सुंदर भाटी के गुर्गे ऑपरेट करते थे। हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया था। मीडिया में ऐसी बात सामने आई थी कि सुशील और ससुर सतपाल का कुश्ती में अपना एक खेमा है। इसे भारतीय कुश्ती संघ पसंद नहीं करता था। संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण से सुशील का मनमुटाव लंबा है।
क्या है हत्याकांड की वजह जिसमें फंसे सुशील कुमार?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक फ्लैट जो सुशील कुमार की पत्नी के नाम पर था उसमें कई क्रिमिनल शेल्टर लेते थे और सुशील उन्हें फ्लैट में पनाह भी देता था. दिल्ली पुलिस से वांटेड संदीप काला नाम का बदमाश भी वहीं आता था. सुशील कुमार ने वो फ्लैट बाद में खाली करने को कहा जिस पर विवाद हुआ. जिसके बाद सुशील कुमार ने गैंगस्टर काला झथेड़ी के विरोधी गैंग के गुर्गो के साथ मिलकर सागर की छत्रसाल में पिटाई की और सागर की मौत हो गई. फ्लैट में गैंगस्टर काला झथेड़ी का भांजा सोनू भी रहता था उसे भी चोट आई थी.
सूत्रों के मुताबिक हत्याकांड के बाद गैंगस्टर काला झथेड़ी ने सुशील कुमार को धमकी दी है. जानकारी के मुताबिक फरारी के दौरान सुशील कुमार ने काला जठेड़ी से सुलह करने की कोशिश की. सुलह हुई या नहीं इस बारे में अभी खुलासा नहीं हुआ है.