उत्तराखंड के देवप्रयाग में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। हादसे से इलाके के शांति बाजार में कई दुकानें बह गईं। एक आईटीआई का तीन मंजिला भवन भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। देवप्रयाग नगर से बस अड्डे की ओर आने वाला रास्ता और पुलिया पूरी तरह से बह गया। हालांकि कोरोना कर्फ्यू होने के कारण जनहानि की खबर नहीं है।
मंगलवार शाम करीब 5 बजे दशरथ आंचल पर्वत पर बादल फटने की घटना हुई। इससे शांता गदेरा में उफान आ गया। बस अड्डे से शांति बाजार होकर शांता नदी भागीरथी में मिलती है। उफान के साथ आए भारी बोल्डरों ने यहां तबाही मचा दी। यहां मौजूद आईटीआई की तीन मंजिला बिल्डिंग इसकी जद में आ गयी। इसके बाद यहां मौजूद सुरक्षाकर्मी दीवान सिंह ने कूदकर अपनी जान बचाई।
देवप्रयाग के पुलिस थानाध्यक्ष महिपाल सिंह रावत ने बताया कि शाम लगभग पांच बजे शांता नदी के उपरी छोर पर दशरथ डांडा पर्वत नामक स्थान पर बादल फटने से नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया। नदी में आए मलबे ने देवप्रयाग कस्बे के शांति बाजार में भारी तबाही मचाई जिसमें नगर पालिका का बहुउददेशीय भवन समेत दो भवन जमींदोज हो गए। उन्होंने बताया कि पूरा क्षेत्र मलबे से पट गया है जबकि पैदल पुल का भी कहीं अता पता नहीं है। इसके अलावा बिजली की लाइन, पेयजल लाइन व अन्य परिसंपत्तियों को भी भारी नुकसान की सूचना है।
थानाध्यक्ष रावत ने बताया कि शांति बाजार में बड़ी-बड़ी इमारतों और दुकानों में मलबा घुस गया और वे पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं। थाना पुलिस की ओर से त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षतिग्रस्त इमारतों के आसपास के लोगों को मौके से तुरंत हटाया गया और थाना प्रांगण तथा बस अड्डा प्रांगण में भेजा गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उजाला होने के कारण शहर में मलबा घुसने से पहले ही लोग दुकानों को छोड़कर बाहर आ गए अन्यथा अगर अंधेरा होता तो यहां बड़ी जनहानि होती। नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने बताया कि बादल फटने से शहर में भारी नुकसान हुआ है लेकिन अभी उसका आंकलन नहीं हो सका है।
देवप्रयाग में हादसे के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से बात की है। उन्होंने सीएम को हादसे से निपटने में पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है।