ब्यूरो
कोरोना के चलते इस बाद नगर परिक्रमा के रूट को छोटा किया गया है। सुबह साढ़े सात बजे दरबार साहिब परिसर से निकली परिक्रमा, झंडा चौक, रेलवे स्टेशन, लक्खीबाग स्थित महंत साहिबान की समाधि स्थल पर पहुचीं। यहां मत्था टेकने के बाद संगत दरबार साहिब वापस आ गई। जिसके साथ ही नगर परिक्रमा संपन्न हुई। इसके साथ ही रविवार को श्री झंडेजी मेला भी संपन्न हुआ।
श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगतों से आदर्श जीवन जीने, पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आने, नशा मुक्ति में सहभागी बनने और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति व मोक्ष के रहस्य का ज्ञान भी दिया।उन्होंने संगतों को सुख-शांति का संदेश दिया। साथ ही गुरु मंत्र देते हुए गुरु महिमा का महत्व बताया। श्रीमहंत की अगुवाई में रविवार को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा हुई। परंपरा के अनुसार श्री झंडेजी आरोहण के तीसरे दिन नगर परिक्रमा के लिए संगतें पहुंचती हैं, लेकिन इस बार कोरोनाकाल के चलते मेला आयोजन समिति ने नगर परिक्रमा के रूट को छोटा व परिवर्तित किया है।
नगर परिक्रमा देहरादून वासियों के लिए भी ऐतिहासिक क्षण होता है। जब देश विदेश की संगत उनके बीच होती है। हर साल यह बहुत ही मनमोहक नजारा होता है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस बार समिति की ओर से सीमित संख्या में संगतों व श्रद्धालुओं से आने की अपील की। वहीं, श्री दरबार साहिब के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि श्री झंडेजी मेले में शामिल होने आईं 90 फीसदी संगतें लौट गई हैं।