वीएस चौहान की रिपोर्ट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ओर से स्वास्थ्य और वित्त की जिम्मेदारी मंत्रियों को दिए जाने की भी उम्मीद है। यह भी संभव है कि स्वास्थ्य विभाग खुद मुख्यमंत्री की निगरानी में रहे। रविवार को भी मंत्रियों के विभागों पर फैसला नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही विभाग बांट दिए जाएंगे।
कोरोना के समय कोरोना संक्रमण ने यह भी साबित किया था कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग का ढांचा चरमराया हुआ है। बजट सत्र के दौरान सदन में रखी गई जिला, महिला और संयुक्त चिकित्सालयों की अनुपालन आख्या से भी इसकी पुष्टि की। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास करीब 50 विभाग थे और स्वास्थ्य, वित्त भी उन्हीं के पास था। इसी वजह से उनके कार्यकाल में ही अलग से स्वास्थ्य मंत्री की मांग होने लगी थी।
कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी खासी प्रभावित हुई थी। इस समय भी सरकार का अनुमान है कि प्रदेश की विकास दर शून्य से चार अंक नीचे हैं। इसके साथ ही जीएसटी और राजस्व की अन्य मदों में लगातार कमी और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की चुनौती को देखते हुए अलग से वित्त मंत्री की भी मांग की जा रही है।
तीरथ सिंह रावत की सरकार में इस समय मुख्यमंत्री समेत नौ मंत्री और तीन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के हैं। ऐसे में तीरथ खुद भी अधिक बोझ लेना पसंद नहीं करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस पर भी मशक्कत की जा रही है। बहरहाल, रविवार को भी पोर्टफोलियो न बंटने से मंत्रियों की धड़कन बढ़ी रहीं।