वीएस चौहान की रिपोर्ट
स्मार्ट सिटी देहरादून के अंतर्गत आईएसबीटी से राजपुर तक चमचमाती स्मार्ट बसें चलनी शुरू हो गईं। रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हरी झंडी दिखाने के बाद पांच बसों ने सड़क पर सरपट दौड़ना शुरू कर दिया। शहरवासियों ने इन बसों में सफर का खूब आनंद लिया।
दिलाराम चौक पर फूलों से सजी बसें खड़ी थी। शहर के विधायक, मेयर और अधिकारी समेत विभिन्न जनप्रतिनिधि और अन्य लोग मुख्यमंत्री के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। कुछ ही देर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे और बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एक बस में विधायकों और अधिकारियों ने राजपुर तक सफर किया। इसके बाद पांचों बसों का रूट पर संचालन शुरू हो गया।
राजपुर से बस आईएसबीटी के लिए रवाना हुई। सवारियों ने चमचमाती वातानुकूलित बस में सफर करने का आनंद आनंद लिया । सवारियों में भी बस की खासियतों को लेकर चर्चा हो रही है। कंडक्टर ई-टिकटिंग मशीन से सवारियों को टिकट भी दे रहे हैं।रविवार होने और लोगों को जानकारी न होने के कारण सवारियां कम रहीं। हालांकि जो सवारियां बस में बैठीं वह किराए और सुविधा को लेकर बस सेवा की तारीफ ही कर रही थीं।
मुख्यमंत्री ने दिखाई हरी झंडी, विधायकों ने भी किया सफर
दोपहर 12 बजे दिलाराम चौक पर मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक बस परियोजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर टिहरी की सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, विनोद चमोली, गणेश जोशी, खजानदास, सहदेव सिंह पुंडीर, स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत चलने वाली इलेक्ट्रिक बस परियोजना में 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। इलेक्ट्रिक बस के संचालन का मुख्य उद्देश्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना है। इन बसों के संचालन से वायु व ध्वनि प्रदूषण कम होगा और नागरिकों को कम लागत में बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। सोमवार से सुबह छह से रात 10 बजे तक बसों का संचालन होगा.
सवारियों ने बस के सफर के अनुभव के बारे में बताया कि बस का सफर आनंददायक है।दून की सड़कों पर एसी बस में सफर करने का अलग ही आनंद आ रहा है। इस तरह की बसें और भी चलनी चाहिए। किराया भी सामान्य सिटी बसों से ज्यादा नहीं है बस बहुत सुविधाजनक है। दिव्यांगों के लिए भी अलग से रैंप है। उन्हें बस से चढ़ने उतरने में दिक्कत नहीं होगी। सामान्य बस के बराबर किराए में एसी का सफर बहुत ही अच्छा है। गर्मियों में तो यह और भी सही रहेगा। इस तरह की बसें और चलनी चाहिए।
प्रत्येक स्टापेज लगभग 490 मीटर की दूरी पर है। इनमें आईएसबीटी, शिमला बाईपास, माजरा, आईटीआई निरंजनपुर, सब्जी मंडी चौक, पटेलनगर पुलिस चौकी, लालपुल, पीएनबी पटेलनगर, मातावाला बाग, सहारनपुर चौक, रेलवे स्टेशन, प्रिंस चौक, साइबर थाना, तहसील चौक, दर्शनलाल चौक, घंटाघर, गांधी पार्क, सेंट जोसेफ अकेडमी, सचिवालय, बहल चौक, दिलाराम चौक, मधुबन होटल, अजंता चौक, सर्वे ऑफ इंडिया, एनआईवीएच फ्रंट गेट, जाखन, पेसिफिक मॉल, इंदर बाबा मार्ग, मसूरी डायवर्जन, साईं मंदिर, टिहरी हाउस/जीआरडी संस्थान, राजपुर स्टॉपेज बनाई गई हैं
इन इलेक्ट्रिक बसों में 25 सीटें सामान्य जन, एक सीट चालक, दिव्यांग लोगों के लिए व्हीलचेयर खड़ी करने के स्थान की सुविधा है। इलेक्ट्रिक बस की लंबाई लगभग नौ मीटर है और चौड़ाई लगभग 2.5 मीटर। बस में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए हाईड्रोलिक रैंप की सुविधा है। फ्रंट और रियर एयर सस्पेंशन की सुविधा है। बस वातानुकूलित और जीपीएस युक्त हैं। प्रत्येक बस में तीन सीसीटीवी कैमरे, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन, स्टॉपेज के डिस्पले, प्रत्येक सीट के लिए यूएसबी पोर्ट, आपातकालीन बटन, इमरजेंसी हैमर, ग्रैब हेंडल्स, अग्निशमन यंत्र, हाइड्रोलिक पॉवर स्टीयरिंग है। ट्रांसपोर्ट नगर में इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है।
इन बसों का किराया इस प्रकार निर्धारित किया गया है
– चार से सात किमी 15 रुपए
– सात से 10 किमी 20 रुपए
– 10 से 13 किमी 25 रुपए
– 13 से 17 किमी 30 रुपए
– 17 से 21 किमी 35 रुपए
– 21 से 25 किमी 40 रुपए
– 25 से 30 किमी 45 रुपए
– 30 से 35 किमी 50 रुपए
– 35 किमी से अधिक 55 रुपए