वीएस चौहान की रिपोर्ट
उत्तराखंड में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। देहरादून और कोटद्वार में मृत मिले पक्षियों के सैंपलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। बर्ड फ्लू की दस्तक़ के बाद वन महकमा रेड अलर्ट मोड पर आ गया है। अभी तक प्रदेश भर में 700 पक्षी मृत मिल चुके हैंउत्तराखंड में कोरोना वायरस के साए के बीच बर्ड फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। सोमवार को देहरादून और कोटद्वार में मृत मिले पक्षियों के सैंपलों की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद वन विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही लोगों से अपील की है कि कोई भी पक्षी मृत मिलने पर उसे छुए नहीं और ना ही उसे दफनाने की कोशिश करें। पक्षी मृत मिलने पर इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दें। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर उसे वहां से हटाएगी और पक्षी के सैंपल लेगी। पूरे प्रदेश में जगह-जगह 700 पक्षी मरे पड़े पाए जा चुके हैं।
प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन ने प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले आने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी करेगा। वहीं, अपर प्रमुख वन संरक्षक कपिल लाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। यह भी तय हुआ है कि कुमाऊं और गढ़वाल मंडल वन संरक्षकों की ओर से प्रतिदिन नोडल अधिकारी को रिपोर्ट दी जाएगी। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने भी वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की ओर पूरे प्रदेश के सभी वन अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। देर शाम प्रमुख वन संरक्षक की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले मिलने के बाद वन महकमा भी हरकत में आ गया है। वन मुख्यालय ने मंडल स्तर पर वन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। इसके साथ ही सभी जिलों में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे जिससे आम लोगों को मरे हुए पक्षियों की सूचना देने में आसानी होगी। वन विभाग बर्ड फ्लू से बचाव की जानकारियां सोशल मीडिया समेत अन्य माध्यमों से लोगों तक पहुंचाने की कवायद करेगा।