वीएस चौहान की रिपोर्ट
15 अक्टूबर 2020 को गंगोत्री धाम के कपाट बंद गंगोत्री धाम के कपाट 2021 में गर्मियों में खुलेंगे गंगोत्री धाम हिंदुओं के चार धाम में से एक धाम है। जहां पर हिंदुओं में अधिकतर हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन में एक बार गंगोत्री धाम होकर आए गंगोत्री धाम में गंगा स्नान करके यात्री पुण्य कमाते हैं। 10200 फीट की ऊंचाई पर गंगोत्री धाम मौजूद है कहते हैं कि गंगा को गंगोत्री धाम से निकलते हुए भागीरथी भी बोलते हैं। स्वर्ग से गंगा जी को गंगाजी को उतरने पर सबसे पहले गंगोत्री धाम में अवतरित हुई थी। स्वर्ग से गंगा जी को पृथ्वी पर लाने की एक कहानी भी प्रचलित है। कहते हैं एक बार राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ किया राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा घुमाया जहां जहां घोड़ा चलता गया वहां तक राजा सगर का राज स्थापित हो गया। इसी बीच इंद्र देवता ने भेष बदलकर अश्वमेघ यज्ञ घोड़े को ऋषि के आश्रम में बांध दिया अश्वमेघ यज्ञ घोड़े को ढूंढते हुए राजा सगर के 60000 पुत्र पहुंचे ऋषि ने क्रोधित होकर उसी वक्त साठ हजार पुत्रों को भस्म कर दिया। इसके बाद राजा सगर ने तपस्या की उनके बाद राजा भगीरथ ने भी कठिन तपस्या की। अंत में स्वर्ग से गंगा पृथ्वी पर उतरी और गोमुख से गंगोत्री धाम होते हुए आगे बढ़ी।