उत्तराखंड में कोरोना के मरीज़ो की संख्या बढ़ती ही जा रही है, हजार के पार पहुंचा आंकड़ा

उत्तराखंड में कोरोना मरीजों की संख्या एक हजार पार कर गई। मंगलवार सुबह से देर रात तक आई रिपोर्टों में 91 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जिनमें ज्यादातर प्रवासी हैं। 38 मामले देहरादून से हैं। इसके अलावा नैनीताल में 22, टिहरी में 14, हरिद्वार व चमोली में छह-छह, पौड़ी में तीन और रुद्रप्रयाग में दो लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। चंपावत जिले में लोहाघाट ब्लॉक के डेंसली गांव निवासी कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मंगलवार को उपचार के दौरान मौत हो गई है। कोरोना से ये सातवीं मौत है।

लॉकडाउन-तीन में मिली छूट के बाद सैकड़ों की संख्या में प्रवासी उत्तराखंड लौटे हैं। जैसे-जैसे उनकी आमद बढ़ी उसी अनुपात में कोरोना संक्रमितों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ता चला गया। लॉकडाउन-तीन से पहले जहां प्रदेश में मरीजों की संख्या 61 थी, वहीं अब यह आंकड़ा एक हजार के पार पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को 984 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है, जिनमें 893 की रिपोर्ट नेगेटिव और 91 केस पॉजिटिव हैं।

जनपद देहरादून में जिन 38 मामलों में कोरोना की पुष्टि हुई है, इनमें आठ पूर्व में मंडी में संक्रमित पाए गए लोगों के संपर्क में आए हैं। इनमें दो आढ़ती भी शामिल है। इसके अलावा बिधौली स्थित क्वारंटाइन सेंटर में ठहरे 25 लोगों को कोरोना संक्रमण पाया गया। इनमें से 22 लोग रुद्रप्रयाग के रहने वाले हैं और हाल ही में महाराष्ट्र से लौटे हैं। दो लोग हर्रावाला और एक कारगी निवासी है। दून में लोहियानगर ब्रह्मपुरी, ईसी रोड और जीएमएस रोड में भी एक-एक केस पॉजिटिव मिला है। एम्स ऋषिकेश में पत्नी का इलाज कराने आए मुरादाबाद निवासी एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया। वहीं सहारनपुर निवासी एक व्यक्ति कैंसर का इलाज कराने हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट आया था, वह अब वापस उप्र लौट चुका है।

नैनीताल में संक्रमित मिले 22 लोग मुंबई से लौटे हैं। टिहरी में छह, नौ व बारह साल की तीन बच्चियां, एक आठ साल का बच्चा, दो 16 और 17 साल के किशोर और आठ अन्य लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उधर, चमोली में कोरोना पॉजिटिव छह लोगों में तीन पुणे, दो मुंबई व एक दिल्ली से लौटा है। जबकि, हरिद्वार में भी मुंबई से लौटे छह लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। रुद्रप्रयाग में जिन दो लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है वह कुछ दिन पहले दिल्ली से लौटे हैं। पौड़ी में भी तीन नए मरीज मिले हैं।

इस बीच, 30 और लोग स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो गए। इनमें आठ नैनीताल, आठ अल्मोड़ा, छह हरिद्वार, तीन पौड़ी, तीन पिथौरागढ़ और एक-एक मरीज ऊधमसिंहनगर और बागेश्वर से हैं। प्रदेश में अब तक 1051 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 254 स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित सात लोगों की मौत भी हो चुकी है। चार मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 786 एक्टिव केस हैं।

उत्तराखंड: कोरोना मीटर

जांच रिपोर्ट- 984

नेगेटिव रिपोर्ट- 893

पॉजिटिव रिपोर्ट- 91

अब तक स्वस्थ-254

एक्टिव केस-786

राज्य में कुल संक्रमित संख्या- 1051

अभी तक मौतें- 07

चम्पावत में कोरोना संक्रमित की मौत

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई। कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में यह सातवीं मौत है। वह 25 मई से हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती था। चंपावत जिले में लोहाघाट के डेंसली निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति 18 मई को महाराष्ट्र से लौटा था। इसके बाद से उसे प्राथमिक विद्यालय डेंसली में क्वारंटाइन किया गया था। 24 मई को तबीयत बिगडऩे पर उसे संयुक्त चिकित्सालय लोहाघाट लाया गया। परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने शाम को उसे हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया। सीएमएस डॉ. आरके जोशी ने बताया कि सोमवार रात उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, मंगलवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।

एक वक्त पर था सुकून, अब बढ़ने लगी चिंता

दून में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। अभी तक प्रदेश में आए मामलों में 27 फीसदी अकेले जनपद देहरादून के हैं। एक वक्त पर जहां देहरादून हर अंतराल बाद स्वस्थ होते मरीजों के कारण सुकून में था, मरीजों की दिनोंदिन बढ़ती संख्या के कारण अब रिकवरी रेट में भी तेजी से गिरावट आई है। यही नहीं कंटेनमेंट जोन की संख्या जहां शून्य हो चुकी थी। अब इनकी संख्या फिर 19 पहुंच गई है। स्थिति यह कि वर्तमान स्थिति में देहरादून सर्वाधिक प्रभावित जिला है।

प्रदेश में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना की पुष्टि हुई थी। यह न केवल दून बल्कि प्रदेश का भी पहला मामला था। इसके बाद फिर हर अंतराल पर कोरोना के मामले बढ़ते रहे। पर पहले जमाती और अब प्रवासियों और निरंजनपुर सब्जी मंडी में एक के बाद एक पॉजीटिव केस सामने आने के बाद स्थितियां विकट होने लगी हैं। स्थिति यह कि अकेले देहरादून में अभी तक के मरीजों का आंकड़ा 300 के करीब पहुंच गया है, जिनमें करीब 85 फीसदी अभी एक्टिव केस हैं।

मरीजों की दिनोंदिन बढ़ती संख्या के कारण अब दून अस्पताल पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। कुछ वक्त पहले तक जहां अस्पताल में केवल एक संक्रमित भर्ती रह गया था, यह संख्या भी अब सवा सौ के करीब पहुंच गई है। राहत की बात यह कि जनपद में बिना लक्षण और कम लक्षण वाले मरीजों को रखने के लिए अब तीन कोविड केयर सेंटर खोल दिए गए हैं, जिससे अस्पतालों का दबाव जरूर कुछ कम होगा। बहरहाल प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ ही दून के लिए भी चुनौतियां बढ़ रही हैं।

एम्स से 23वां संक्रमित भेजा दून अस्पताल

एम्स ऋषिकेश में एक व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। एम्स प्रशासन के निर्देश पर उसे दून अस्पताल भेजा दिया गया है। इससे पूर्व भी 22 कोरोना संक्रमित मरीज दून अस्पताल भेजे जा चुके हैं। इस मामले में एम्स प्रशासन का कहना एम्स में कोरोना के गंभीर संक्रमित और आइसोलेशन वाले मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं।

एम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश निवासी 32 वर्षीय लकवाग्रस्त युवक बीती 30 मई को अपनी पत्नी के साथ एम्स ओपीडी में आया था, जहां उसे एमआरआइ की सलाह दी गई थी। एमआरआइ से पूर्व उसका कोविड सैंपल लिया गया। मंगलवार को इस व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उक्त व्यक्ति को दून अस्पताल भेज दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ सुपरवाइजर एसएस यादव ने बताया कि एम्स के चिकित्सकों के निर्देश पर मरीज को दून हॉस्पिटल देहरादून भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 22 कोरोना संक्रमित लोगों को एम्स प्रशासन दून हॉस्पिटल भेजा जा चुका है। इस मामले में एम्स जनसंपर्क अधिकारी डॉ. हरीश मोहन थपलियाल बताया कि एम्स में गंभीर संक्रमित और आइसोलेशन वाले मरीज रखे जा रहे हैं। माइल्ड सिम्टम्स वाले मरीज अन्य जगह भेजे जा रहे हैं।

प्रदेश में 13900 आइसोलेशन बेड

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है। प्रदेश में आइसोलेशन बैड की संख्या 10 हजार से बढ़ाकर 13900 की गई है। प्रदेश में 4000 संपर्को को खोजा गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में डबलिंग रेट में लगातार सुधार हो रहा है। सैंपल पॉजिटिव होने की दर राष्ट्रीय औसत से कम है। प्रदेश में जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें 95 फीसद में ट्रैवल हिस्ट्री रही है। राज्य में अभी सामुदायिक संक्रमण की स्थिति नहीं है। उत्तराखंड में लगभग एक चौथाई कोरोना संक्रमित मामले ठीक हो चुके हैं। कोरोना से मृत्यु दर प्रदेश में एक प्रतिशत से भी कम है।

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