कोरोना के मरीजों के बढ़ते ग्राफ के बीच दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर भी दबाव अब बढ़ता जा रहा है। ऐसे में जिले में अब तीन जगह कोविड केयर फैसिलिटी स्थापित की जा रही हैं। इन केंद्रों पर ऐसे मरीज रखे जाएंगे, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं या बहुत हल्के हैं। इनकी देखभाल के लिए मेडिकल टीम भी केंद्र पर तैनात रहेगी। किसी भी मरीज में लक्षण बढ़ते हैं तो उसे दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेज दिया जाएगा।
दरअसल, नई गाइडलाइन के तहत ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं या बहुत हल्के हैं, उन्हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा। जहां उन्हें रेगुलर टेम्प्रेचर चेक और पल्स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा। अगर तीन दिन तक बुखार नहीं आया है तो मरीज को दस दिन के बाद डिस्चार्ज किया जा सकता है। उससे पहले टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी। डिस्चार्ज के वक्त मरीज को सात दिन तक होम आइसोलेशन में रहने को कहा जाएगा।
यदि डिस्चार्ज से पहले, कभी भी ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 प्रतिशत से नीचे जाता है तो मरीज को कोविड हेल्थ सेंटर ले जाया जाएगा। गंभीर लक्षण में मरीज को कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड पर रखा जाएगा। उन्हें बॉडी टेम्प्रेचर और ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक से भी गुजरना होगा। अगर बुखार तीन दिन में उतर जाता है और मरीज का अगले चार दिन तक सैचुरेशन लेवल 95 से ज्यादा रहता है तो मरीज को 10 दिन के बाद छोड़ा जा सकता है। मगर बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज से पहले टेस्टिंग से नहीं गुजरना होगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला के अनुसार जिलाधिकारी के निर्देश पर सर्वे चौक स्थित तीलू रौतेली वुमेंस हॉस्टल, फाइनेंस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट सुद्धोवाला और ऋषिकेश में सीमा डेंटल कॉलेज को कोविड केयर फैसिलिटी के लिहाज से चयनित किया गया है। उनका कहना है कि रेड जोन से आने वालों की सैंपलिंग बढ़ने के साथ ही केस बढ़ना स्वाभाविक है। इसलिए पूरी तैयारी की जा रही है। इन कोविड फैसिलिटी में व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं। उम्मीद है कि दो-तीन दिन में यह सुविधा शुरू हो जाएगी।