भारत ने एक बार फिर अपने सीमा विवाद के मामले में किसी अन्य देश की मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया है। गुरुवार को इस कड़ी में भारत-चीन के बीच उपजे सीमा विवाद पर अमेरिकी मध्यस्थता की पेशकश को सिरे से नाकार दिया है। इस क्रम में भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिकी मध्यस्थता की बात को भारत ने कई बार नाकारा है। गुरुवार को भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को निपटाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन भारत ने इसको सहज भाव से अस्वीकार कर दिया। बता दें साल 2017 में डोकलाम पर दोनों देशों के बीच तनाव उत्पन्न हुआ था। इसके बाद चीन एक बार फिर सीमा विवाद को लेकर भारत को उलझा रहा है।
ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर सराहा
गुरुवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों के साथ बातचीत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत-चीन सीमा के ताजा विवाद पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता भी की है। ट्रंप ने आगे कहा कि मोदी बहुत अच्छे मूड में नहीं है और वह किसी बड़े संघर्ष के लिए तैयार नहीं हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर एक बड़ा संघर्ष चल रहा है। ट्रंप ने कहा कि भारत में मुझे लोग संद करते हैं। मुझे लगता है कि वहां की मीडिया से ज्यादा भारत के लोग पंसद करते हैं। मुझे मोदी पंसद हैं। मुझे आपका प्रधानमंत्री बहुत पंसद है। मोदी एक महान सज्जन पुरुष हैं।
भारत ने दी सधी हुई प्रतिक्रिया
इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में कहा हि हम शांति से इसे सुलझाने के लिए चीनी पक्ष के साथ निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर ऐसे तंत्र स्थापित किए हैं, जो बातचीत के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति से हल कर सकते हैं और इन चैनलों के माध्यम से लगे रहना जारी रख सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अपने दशकों पुराने विवाद को निपटाने के लिए चीन के साथ सीमा रेखा को शांतिपूर्वक हल करने में जुटे हैं।
चीन ने कहा परामर्श के जरिए होगा सीमा समस्या का समाधान
बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बुधवार को कहा कि चीन और भारत दोनों के पास बातचीत और परामर्श के माध्यम से मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार चैनल हैं। ट्रंप ने पहले कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे नई दिल्ली ने अस्वीकार कर दिया था। हालांकि, चीन के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के उस ट्वीट पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, जो बीजिंग को आश्चर्यचकित करता हुआ प्रतीत होता है, लेकिन स्टेट-ग्लोबल ग्लोबल टाइम्स के एक ऑप-एड ने कहा कि दोनों देशों को अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह की मदद की जरूरत नहीं है।
दक्षिणी तिब्बत के हिस्से पर चीन का दावा
भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को कवर करता है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है, जबकि भारत इसका विरोध करता है। हालांकि, दोनों पक्ष इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सीमा मुद्दे के अंतिम प्रस्ताव को लंबित करने के लिए, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति बनाए रखना आवश्यक है। भारत और चीन की सेनाएं 2017 में डोकलाम त्रि-जंक्शन में 73-दिन के स्टैंड-ऑफ में लगी हुई थीं, जिसने दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच एक युद्ध की आशंका भी पैदा की थी।