कांग्रेस एकबार फिर से राज्य सरकार पर हमलावर हुई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडवासियों को वापस लाने की नीति, प्रवासियों के ठहरने और इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन की बजाय होम क्वारंटाइन की नीति ठीक नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रवासियों को उत्तराखंड वापस लाने का जो प्लान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सरकार को दिया था, अगर उसके मुताबिक प्रवासी वापस लाए जाते तो आज जो समस्याएं सामने आ रही हैं वो नहीं आती। प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड के तीन जनपदों में ही इतनी क्षमता है कि दो ढाई लाख क्या दस लाख लोगों को संस्थागत क्वारंटीन किया जा सकता है।
धस्माना ने कहा कि हरिद्वार के कुंभ मेला क्षेत्र में कुंभ और अर्ध कुंभ में बड़े स्नानों में एक दिन में ही अस्सी लाख से एक एक करोड़ यात्री आते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते सारी धर्मशालाएं सारे होटल खाली पड़े हैं, इसी तरह उधमसिंह नगर, हल्द्वानी, देहरादून में भी सारी धर्मशाला और होटल खाली हैं। अगर सरकार थोड़ा भी प्रयास करती तो आने वाले सभी दो ढाई लाख लोगों को इन तीन जिलों में संस्थागत क्वारंटाइन किया जा सकता था और उसके बाद उनको गांव रवाना किया जाता।
धस्माना का ये भी कहना है कि अब आने वाले प्रवासियों की मात्रा औपचारिक स्क्रीनिंग हो रही है, जिसके कारण जो संक्रमित आ रहे हैं उनके कारण राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है। वास्तविकता यह है कि सीधे गांव में पहुंचने वाला व्यक्ति क्वारंटाइन हो ही नहीं रहे हैं, क्योंकि उनकी निगरानी की कोई व्यवस्था सरकार ने नहीं की है।
धस्माना ने सरकार की अव्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार की अदूरदर्शी नीति के कारण राज्य की जनता ने जो 55 दिन की तपस्या की थी सरकार ने उस पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। अब भी वक्त है सरकार को नींद से जाग कर उत्तराखंड वापस आने वाले प्रवासियों को गांव भेजने से पहले देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर में संस्थागत क्वारंटाइन कर उनकी जांच करानी चाहिए।
कैंट के मछली तालाब क्षेत्र में वितरित
देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कैंट विधानसभा क्षेत्र के सीमाद्वार मछली तलाब में जरूरतमंद गरीब, मजदूर श्रेणी के 70 लोगों को राशन किट, मास्क व सैनिटाइजर वितरित किए।