देहरादून। वैश्विक महामारी से देश एवं प्रदेश के लोगों को दिक्कते झेलनी पड़ रही है। वैश्विक रोग कोविड-19 के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। ऐसे में वर्तमान में जहां लोग मौजूद है और थे, वह लोग वहीं मौजूद रहने के आदेश पर जारी किया गया। विगत 4 मई से लोगों को अपने घर की ओर जाने और आने के लिए शासन प्रशासन ने व्यवस्था की हुई है तथा कुछ शर्तों पर पास भी जारी किए जा रहे है। बताया जा रहा है कि कोविड-19 के पास जारी करने में जिला प्रशासन से बहुत बड़ी धध्ली का खेल खेला जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार अब पता चला है कि देहरादून जिलाधिकारी कार्यालय से नियम को ताकपर रखकर अन्य प्रदेशों में जाने और वहां से कुछ लोगों को लेकर आने के पास जारी किए जा रहे हैं।
परंतु जब आम जनता का कोई आदमी पास जारी करने का प्रक्रिया पूछने जाता है तो एसडीएम कार्यालय के सामने माईक थामे बैठा व्यक्ति जवाब देता है कि यहां केवल शादी के लिए और अस्पताल से छुटे हुए बीमारियों या अस्पताल में भर्ती करने व्यक्तियों के लिए ही पास जारी किए जा रहे है। बांकी सभी पास आनलाईन आवेदन करने पर प्राप्त हो रहे हैं। जबकि सूत्रों से पता चला है कि सेटिंग गेटिंग तथा सुविधा शुल्क के आधर पर पास जारी किए जा रहे हैं। विगत कुछ दिनों से जिलाधिकारी कार्यालय बाहुबलि यूपी विधायक अमनमणि त्रिपाठी के पास जारी करने से ही विवादों में आया हुआ है। डीएम कार्यालय से जारी उत्तर प्रदेश के एक बाहुबलि विधायक अमनमणि त्रिपाठी को 11 साथियों सहित उत्तराखण्ड शासन द्वारा बद्रीनाथ व केदारनाथ जाने के लिए पास जारी कर दिया गया और पास भी इस लिए जारी कर दिया गया कि वह लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिताश्री की अस्थिया विर्सजन करने जा रहे हैं। जिसमें देहरादून के जिलाधिकारी कार्यालय का भी मुख्य भूमिका थीं। जब इस पर मीडिया की नजर पड़ी तो शासन को कहना पड़ा कि पास जारी करने में गलती हुई है, परंतु सूत्रों के अनुसार यह गलती अभी भी खत्म नहीं हुई है। इस विषय पर इमानदारी से जांच की जाए तो एक बड़े धाधली का पर्दा फास हो सकता है।