देश में विभिन्न प्रयोगशालाओं में दैनिक COVID19 परीक्षण क्षमता बढ़ाई जा रही है और 31 मई आते-आते प्रति दिन 1 लाख टेस्ट करने में सक्षम हो जाएंगे। ऐसा कहना है भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद का। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने रविवार को कहा कि भारत की COVID-19 परीक्षण क्षमता मई के अंत तक प्रति दिन 1 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘देश में विभिन्न प्रयोगशालाओं में दैनिक COVID-19 परीक्षण क्षमता बढ़ाई जा रही है और 31 मई तक प्रति दिन 1 लाख परीक्षण तक पहुंचने की उम्मीद है।’ बताया गया कि कुल 16 क्षेत्रीय डिपो स्थापित किए जा रहे हैं और जनशक्ति, संसाधनों और बुनियादी ढांचे को मजबूत करके स्व-निहित इकाइयों में बनाए गए हैं।
इनके अलावा, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च में डिपो और पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भी केंद्रीय डिपो के रूप में कार्य करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के कुल 16,116 मामले हैं। इनमें से 519 लोगों ने दम तोड़ दिया।
मरीजों का सैंपल लेने वालों को मिलेगा दोगुना पारिश्रमिक
कोरोना के मरीजों का सैंपल लेते समय जो लैब टेक्निशियन सीधे मरीज के सामने रहता है और खतरे का सामना करता है, उसे दोगुना पारिश्रमिक दिया जाएगा। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय ने करीब 60 कोरोना टेस्टिंग सेंटर (सीटीसी) पर कोरोना जांच के लिए जाने वाले सैंपल के मद्देनजर यह निर्णय लिया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। स्वास्थ्य मिशन फंड से यह पारिश्रमिक दी जाएगी।इस निर्णय के अनुसार एक सैंपल लेने के लिए 100 रुपये की राशि निर्धारित की गई है। किसी रेड जोन में आठ सदस्यीय टीम के जाने पर पूरे दिन में जो राशि आवंटित होगी, उसे दस हिस्सों में बांटा जाएगा। अगर सामान्य सदस्यों को पांच हजार रुपये मिलेंगे तो उस टीम के लैब टेक्निशियन को दस हजार रुपये दिए जाएंगे।