गृह मंत्री अमित शाह ने देश के आर्थिक हालात को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि दुनिया भर में पिछली कई तिमाहियों से आर्थिक वृद्धि की धीमी रफ्तार से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। हालांकि, बकौल शाह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्थिति को बहुत अच्छे तरीके से हैंडल कर रही हैं। देश की आर्थिक राजधानी में एक कार्यक्रम के दौरान शाह ने इस बात को खारिज किया कि भाजपा नीत सरकार आर्थिक मुद्दों और GDP वृद्धि दर की कम होती रफ्तार से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए Citizenship Amendment Act (CAA) लेकर आई है।
वैश्विक सुस्ती का असर भारत पर
शाह ने आर्थिक सुस्ती के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ”जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है, मैंने कई बार कहा है कि वैश्विक स्तर पर सुस्ती है, जिसका असर भारत पर भी देखने को मिला है।”
देश के गृह मंत्री ने कहा कि सीतारमण अर्थव्यवस्था को बहुत अच्छे ढंग से हैंडल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने कर संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। शाह ने कहा कि इस महीने भी कर संग्रह बेहतर होता दिख रहा है।
देश की GDP छह साल के न्यूनतम स्तर पर
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार घटकर 4.5 फीसद पर रह गई। मैन्यूफैक्चरिंग आउटपुट, कंज्यूमर डिमांड में कमी के साथ कमजोर निजी निवेश के कारण देश की आर्थिक वृद्धि में यह कमी आई है। दूसरी तिमाही में जीडीपी के छह साल से भी अधिक समय के निचले स्तर पर आने के बाद RBI ने वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी वृद्धि के अनुमान को हाल में 6.1 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दिया। हालांकि, बढ़ती महंगाई ने केंद्रीय बैंक को साल में लगातार छठी बार रेपो रेट में कमी से रोक दिया। केंद्रीय बैंक इस साल अब तक रेपो रेट में 1.35 फीसद की कटौती कर चुका है।