हरिद्वार। अगले महीने एक बड़ी आकाशीय घटना होने जा रही है। 26 दिसंबर को कंकणी खंडग्रास सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। यह ग्रहण भारत सहित अनेक देशों में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण पर षड़ग्रही योग पड़ने से इस ग्रहण का महत्व और तीक्ष्ण प्रभाव अधिक बढ़ गए हैं। यह ग्रहण इस वर्ष का अंतिम ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को प्रातरू 8.20 बजे लग जाएगा और 10.57 बजे तक बना रहेगा। कंकणी दर्शन सवेरे 9.33 बजे हो जाएगा। समय गणना के अनुसार एक तिथि 19 घंटे से 24 घंटे के बीच पड़ती है। यदि कोई तिथि प्रथम दिन सूर्योदय के पश्चात आती है और अगले दिन सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाती है तो उसे क्षय तिथि माना जाता है। ग्रहण का सूतक 25 दिसंबर की रात 8.20 बजे से ही प्रारंभ हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर शास्त्री बताते हैं कि आकाशीय घटनाओं में षडग्रही योग को बहुत खतरनाक माना जाता है। षडग्रही योग के प्रभाव अभी से शुरू हो गए हैं। षडग्रही योग ग्रहण के दिन पड़ जाए तो उसे बेहद तीक्ष्ण माना जाता है। 26 दिसंबर को ही सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, शनि और केतु एक साथ धनु राशि में उपस्थित हो जाएंगे। ऐसा होने पर आपदाएं आती हैं और भूकंप भी ला सकते हैं।धनु राशि प्रवेश के समय सूर्य ग्रस्ताग्रस्त होंगे, अतरू यह और भी खतरनाक योग बना रहा है। ग्रहण से पूर्व पौष कृष्ण पक्ष की चतुर्थी से आकाशीय क्रम बिगड़ना शुरू हो जाएगा। उसी दिन से सूर्य ग्रहण की गिरती भी शुरू होगी। यह ग्रहण अपना सूतक एक दिन पूर्व की रात्रि में लेकर आ रहा है। शास्त्रों के अनुसार जिस समय सूर्य या चंद्र ग्रहण प्रारंभ होते हैं, उससे ठीक 12 घंटे पूर्व सूतक लग जाता है। परिणाम स्वरूप 26 दिसंबर के ग्रहण का सूतक 25 दिसंबर की रात से लग जाएगा। इस ग्रहण का प्रभाव अनेक राशियों पर तो पड़ेगा ही, सामूहिक रूप से भी पूरे विश्व पर पड़ेगा। इस दिन भूकंप आने की सर्वाधिक संभावनाएं रहेगी