यहां के ईडन गार्डेंस स्टेडियम में भारत का पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेला जाएगा। पहले डे-नाइट टेस्ट मैच की मेजबानी के लिए नया इतिहास रचने के लिए तैयार ये स्टेडियम काफी बदनाम भी रहा है। यहां कई बार मैच के दौरान फ्लड टावर की बत्तियां बुझ चुकी हैं, जिसके कारण इस मैदान पर बदनामी वाला दाग लगा हुआ है, लेकिन सौरव गांगुली के बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहते इसमें तमाम बदलाव हुए हैं।
बेशक ईडन के नाम बहुत बड़ी उपलब्धि दर्ज होने जा रही है, लेकिन इसके साथ ही बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के सामने बहुत बड़ी चुनौती भी आ गई है, हालांकि कैब इसके सफल आयोजन को लेकर आश्वस्त है। कैब के एक अधिकारी ने बताया कि ईडन में मैच के दौरान फ्लड टावर की बत्तियां बुझना बीते जमाने की बात हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। फ्लड टावर की बत्तियों की पूरी व्यवस्था नई है, इसलिए डे-नाइट टेस्ट के पांच दिनों में इसे लेकर कोई समस्या नहीं होगी।
वहीं, कैब सूत्रों ने बताया कि फ्लड टावर की बत्तियों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि ज्यादातर खेल उसकी दूधिया रोशनी में ही होगा। प्रत्येक फ्लड टावर की बत्तियों व जेनरेटर का अच्छी तरह से निरीक्षण किया जाएगा। मालूम हो कि ईडन में मैच नहीं होने पर भी उसके चारों फ्लड टावर की बत्तियों को समय-समय पर जलाकर उनकी जांच की जाती है।
बत्तियां गुल होने का लंबा इतिहास
ईडन में मैच के दौरान बत्तियां गुल होने का लंबा इतिहास रहा है, फिर चाहे वह अंतरराष्ट्रीय मैच हो या फिर आइपीएल मैच। इसे लेकर कैब की काफी किरकिरी भी हुई है। 2008 में आइपीएल के दौरान तत्कालीन डेक्कन चार्जर्स और कोलकाता नाइटराइडर्स में मैच के दौरान अचानक एक फ्लड टावर की बत्तियां गुल हो गई थीं, जिसके कारण 25 मिनट तक मैच बाधित रहा था।
उसके बाद इसी मैदान पर 24 दिसंबर, 2009 को भारत-श्रीलंका के बीच अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच के दौरान भी 15 मिनट तक कलकत्ता हाई कोर्ट छोर वाले फ्लड टावर की बत्तियां गुल रही थीं, जिसके कारण मैच 23 मिनट तक रुका रहा था। 27 मार्च, 2016 को आइसीसी टी-20 विश्व कप में बांग्लादेश-न्यूजीलैंड के बीच सुपर-10 के मैच के दौरान भी बत्तियां 10 मिनट तक गुल रही थीं।
ईडन में बत्तियां गुल होने को लेकर अक्सर साजिश के आरोप भी लगते रहे हैं। हालांकि, कैब के पदाधिकारी हमेशा तकनीकी गड़बड़ी बताकर इसका खंडन करते आए हैं। चूंकि, बीसीसीआइ के नए-नवेले अध्यक्ष सौरव गांगुली कोलकाता से ही हैं और उनकी बदौलत ही ईडन को इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच की मेजबानी मिली है। इसलिए बत्तियां बुझने की इस पुरानी समस्या से वह भली-भांति वाकिफ हैं और नि:संदेह इसे लेकर काफी सतर्क भी होंगे।
इस सजेगा ऐतिहासिक मंच
22 से 26 नवंबर के बीच कोलकाता के ईडन गार्डेंस में एक ऐतिहासिक मंच सजेगा। भारतीय टीम और भारत पहली बार डे-नाइट टेस्ट मैच की मेजबानी करेगी। ये सभी ऐतिहासिक क्षण पहली बार आपको इसी मैदान पर देखने को मिलेंगे। इससे पहले भारतीय टीम ने कभी भी डे-नाइट टेस्ट मैच नहीं खेला और ना ही भारत में कभी कोई डे-नाइट टेस्ट मैच खेला गया है।