पाक समर्थित आतंकियों ने मंगलवार को कुलगाम में बड़ा नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने पांच गैर कश्मीरी श्रमिकों को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया। एक अन्य गंभीर रूप से घायल है। मारे गए सभी श्रमिक पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं। इससे पहले सुबह आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में भी एक स्कूल के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया। इसमें स्कूली छात्र और सुरक्षाकर्मी बाल-बाल बच गए। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के बाद दहशतगर्द भाग निकले। यही नहीं, अलगाववादी व शरारती तत्वों ने भी पाकिस्तान के इशारे पर यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान कश्मीर में जबरन बंद करवाकर पथराव किया, जिसमें चार लोग घायल हो गए। घटना के बाद कश्मीर जाने वाले सभी ट्रक जम्मू और ऊधमपुर में ही रोक दिए गए हैं। हाईवे पर ट्रक की लंबी कतार लग गई है।
घर से बाहर निकाल कर गोलियों से भूना
कुलगाम से मिली सूचना के अनुसार, मंगलवार शाम को स्वचालित हथियारों से लैस पांच से छह आतंकी कतरस्सु गांव में दाखिल हुए। उन्होंने गांव के बाहरी छोर पर रह रहे गैर कश्मीरी श्रमिकों के डेरे पर दस्तक दी और वहां मौजूद करीब सात लोगों को बाहर निकालकर अपने साथ चलने को कहा। आतंकी उन्हें वहां से कुछ दूरी पर ले गए और फिर उन्होंने उन पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। गोलियां लगते ही सभी श्रमिक जमीन पर गिर पड़े। उन्हें मरा समझ आतंकी वहां से चले गए। आतंकियों के जाने के बाद आसपास मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित करते हुए खून से लथपथ पड़े सभी श्रमिकों को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने पांच श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया। एक श्रमिक जहीरूदीन की नाजुक हालत को देखते हुए उसे उपचार के लिए श्रीनगर के अस्पताल लाया गया है।
कुलगाम में पांच श्रमिकों की हत्या के बाद पूरी वादी में जबरदस्त तनाव है। अभी किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सुरक्षाबलों ने हत्यारे आतंकियों को मार गिराने का अभियान छेड़ दिया है। देर शाम तक कुलगाम सहित पूरे कश्मीर में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया।
तेरह साल बाद एक साथ पांच श्रमिकों की हत्या
करीब 13 साल बाद यह पहला मौका है जब आतंकियों ने एक साथ दो या उससे ज्यादा संख्या में गैर कश्मीरी श्रमिकों की हत्या की हो। इससे पूर्व 26 जून 2006 को आतंकियों ने कुलगाम के बुदरू इलाके में नौ श्रमिकों की गोली मारकर हत्या की थी। इससे पूर्व अगस्त 2000 में आतंकियों ने अनंतनाग जिले के मीर बाजार में 19 और मीर नौगाम में सात श्रमिकों की हत्या की थी।
दौरे से एक दिन पहले भी किए दो हमले
आतंकियों ने यूरोपीय दल के कश्मीर पहुंचने से एक दिन पहले गत सोमवार को भी कश्मीर में दो हमले किए थे। आतंकियों ने पहले उत्तरी कश्मीर के सोपोर में ग्रेनेड हमला किया था, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे। इसी शाम को आतंकियों ने बिजबिहाड़ा में एक ट्रक चालक की गोली मारकर हत्या कर दी थी।