नईदिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगा। रेड्डी आज गुवाहाटी में असम पुलिस द्वारा आयोजित पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्य बल देश की आंतरिक सुरक्षा पर आने वाले सभी खतरों का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
स्मृति परेड के दौरान अपने संबोधन में रेड्डी ने कहा कि पूरा देश पुलिस स्मृति दिवस पर हमारे पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों को सलामी देता है और अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों को गर्व से याद करता है। असम पुलिस की उत्कृष्ट सेवाओं को रेखांकित करते हुए रेड्डी ने कहा कि कई दशकों से अलगाववाद और उग्रवाद का सामना करने के दौरान असम पुलिस ने अदम्य साहस, शक्ति और पेशेवर गुणों का परिचय दिया है।
उग्रवाद, अलगाववाद और अपराध से लडऩे और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा सुनिश्चित करने व कानून व व्यवस्था को बनाए रखने तथा बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करने में असम पुलिस कर्मियों ने अपने जीवन की आहूति दी है। राज्य में कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1964 से अब तक कुल 879 असम पुलिस कर्मियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है।
रेड्डी ने कहा कि असम पुलिस के कारण राज्य में सुरक्षा स्थिति पूरी तरह से बदल गई है और राज्य शांति और समृद्धि के नये युग में प्रवेश कर चुका है। राज्य में निवेश के अवसरों में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐक्ट ईस्ट नीति को राज्य पूरी तरह से लागू कर रहा है। साहस, निष्ठा और समर्पण असम पुलिस की प्रमुख विशेषताएं हैं।
मीडिया से बात करते हुए रेड्डी ने सभी अलगाववादी और उग्रवादी गुटों से हथियार डालने और मुख्यधारा में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि वे भी राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे सकते हैं। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रत्येक व्यक्ति को हिंसा का त्याग करना चाहिए। शांतिपूर्ण माहौल में आपसी संवाद से जरिए प्रत्येक समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
केन्द्रीय मंत्री, असम के डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी स्मृति परेड में शामिल हुए और स्मृति स्तम्भ पर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम के दौरान असम पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने 01 सितंबर, 2018 से 31 अगस्त, 2019 के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों/व्यक्तियों के नाम पढ़े।