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देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल में दो दिव्यांग नाबालिग बच्चों के साथ शारीरिक और मानसिक शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यूपी के मुरादाबाद निवासी एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दिव्यांग बेटों को ‘पेंसिल बॉक्स’ नामक बोर्डिंग स्कूल में अप्रैल में दाखिला दिलाया था. पति की मौत के बाद नौकरी के साथ बच्चों की देखरेख संभव नहीं थी, इसलिए गूगल पर सर्च कर यह स्कूल चुना गया था.
दरअसल, महिला का आरोप है कि स्कूल का केयरटेकर सोनू बच्चों को लोहे की रॉड से पीटता था, सिगरेट से जलाता था और उनके प्राइवेट पार्ट्स से छेड़छाड़ करता था. यह बात बच्चों ने अकेले में मां को बताई, जिसके बाद महिला ने देहरादून की पटेलनगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी सोनू को गिरफ्तार कर लिया और स्कूल परिसर से सीसीटीवी का डीवीआर जब्त कर जांच शुरू कर दी.
साथ ही, बच्चों के बयान दर्ज कराए गए हैं .उधर, उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बच्चों से बातचीत की और स्कूल पर छापेमारी की. जांच में कई अनियमितताएं पाई गईं. यह सामने आया कि स्कूल एक दिल्ली रजिस्टर्ड ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जा रहा था, लेकिन इसके संचालन के लिए देहरादून में किसी भी अधिकृत संस्था से अनुमति नहीं ली गई थी.
इसके बाद स्कूल को सील कर दिया गया. बाल आयोग अब स्कूल में मौजूद अन्य बच्चों से भी पूछताछ करेगा. पुलिस ने बताया कि बच्चों की मां मीडिया से बातचीत नहीं करना चाहती. एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.