दोनों संगठनों की होगी संयुक्त बैठक, लिया जाएगा आगे का फैसला.

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किसानों ने दातासिंह वाला बॉर्डर पर शांति मार्च निकाला। किसान नेताओं ने कहा कि वह लोग शांति चाहते हैं। शांति के माध्यम से अपनी मांग सरकार से मनवाना चाहते हैं। पहले भी सरकार ने उनकी मांग मानकर पूरी नहीं की। सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है, लेकिन इस बार धोखा सहन नहीं किया जाएगा। जब तक सरकार लिखित में मांग पूरी नहीं करती तब तक आंदोलन चलता रहेगा। यदि सरकार उनको शांति से दिल्ली जाने देगी तो ठीक है, नहीं तो वह दिल्ली जाने के लिए कोई अन्य रणनीति बनाकर हर हाल में दिल्ली कूच करेंगे।

हरियाणा के जींद में दातासिंह वाला बॉर्डर पर मंगलवार को फिर एक किसान की मौत हो गई। पटियाला के रहने वाले 60 वर्षीय करनैल सिंह की अचानक तबीयत खराब हो गई। जब उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया तो वहां पर उनकी मौत हो गई। अब तक दातासिंह वाला बॉर्डर पर चार किसानों की जान जा चुकी है।

वहीं मंगलवार को दिनभर बॉर्डर पर सभाएं चलती रहीं और किसान अपनी रणनीति बनाने में व्यस्त रहे। शाम को एक शांति मार्च निकालकर सरकार से मांग पूरी करने के लिए कहा गया। जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि बुधवार को दोनों संगठनों की बैठक दातासिंह वाला बॉर्डर पर होगी। इसके बाद वीरवार को भविष्य की रणनीति का दोनों संगठन खुलासा करेंगे।

दातासिंह धरने के दौरान मंगलवार को पटियाला निवासी 60 वर्षीय करनैल सिंह की अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें पटियाला के राजेंद्र अस्पताल ले जाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। करनैल सिंह पुलिस तथा किसानों के बीच हुई झड़प में कुछ दिन पहले घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

इसके बाद वह ठीक हो गए थे। वह फिर से बॉर्डर पर आ गए थे। बाद में उन्हें इंफेक्शन हो गया, जिसकी वजह से उन्हें मंगलवार को फिर से अस्पताल में दाखिल करना पड़ा था। जहां पर उनकी मौत हो गई थी। दातासिंह वाला बॉर्डर पर अब तक 15 दिन से चले आ रहे आंदोलन के दौरान चार किसानों की मौत हो चुकी है।

इसमें से युवा किसान शुभकरण की गोली लगने से, मनजीत सिंह की तबीयत खराब होने से, दर्शन सिंह की दिल का दौरा पड़ने से तथा अब करनैल सिंह की तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई।

वहीं जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि आज दोनों किसान संगठनों की अलग-अलग बैठक हुई है।दोनों संगठनों की एक साथ बैठक होगी। उसके बाद 29 फरवरी को अंतिम फैसला सुनाया जाएगा। इसमें यह तय किया जाएगा कि किसान आंदोलन की अब दिशा क्या होगी।

डल्लेवाल ने कहा कि युवा किसान शुभकरण के हत्यारोपियों के खिलाफ अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। जब तक उनके हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

दातासिंह वाला बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश से किसान नेता अनिल तायल, राजस्थान से संदीप सिंह मान, केरला से शांता कुमार, हरियाणा से लखविंदर औलख, पंजाब से सुखजिंदर खोरसा, कर्नाटक से एएन पांड्यन पहुंचे। इन सभी ने दोनों किसान संगठनों संयुक्त किसान मोर्चा, संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक तथा किसान मजदूर संगठन को अपना समर्थन देने की बात कही। दूसरे राज्यों से आए किसान नेताओं ने कहा कि वह हर परिस्थिति में किसानों के साथ हैं। दिल्ली कूच हर हाल में किया जाएगा.

 

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