कीट पंतगे रात के समय रोशनी की ओर क्यों खिचें चले आते हैं, इसका कारण की वैज्ञानिकों ने सही व्याख्या करने का दावा किया है.

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कीट पंतगे कृत्रिम रोशनी की ओर भी क्यों आकर्षित होते हैं, यह पहेली लंबे समय से वैज्ञानिकों के साथ कवियों तक को परेशान करती रही थी

कीट पतंगे रोशनी की ओर खिचें चले आते हैं. इसे एक वैज्ञानिक तथ्य भी माना जाता रहा है कि वे रोशनी की चमक की ओर खिंचते हैं, जैसा पतंगा जलती मोमबत्ती की ओर खिंचा चला आता दिखाई देता है. अगर आप भी यही मानते हैं कि यही सही है, तो आपको यह रिपोर्ट पूरी पढ़ने की जरूरत है क्योंकि हाल ही में हुए एक रिसर्च ने ऐसा नतीजे निकाले जिससे यह धारणा गलत साबित होती दिखती है.

लंदन इम्पीरियल कॉलेज के बायोइंजीनियरिंग विभाग की स्टडी ने इस विषय पर अच्छे से पड़ताल की है और बताया है कि असल में कीट पतंग रोशनी की चकम की ओर आकर्षित नहीं होते हैं.

इससे पहले कई कारण बताए जाते हैं जिनमें सबसे प्रमुख कारण चमक की ओर आकर्षण बताया जाता था.  रिसर्च में पाया गया है कि रात का कृत्रिम प्रकाश दरअसल कीट पंतगों के घूमने फिरने के नेविगेशनल सिस्टम को खराब कर देता है, उन्हें आकर्षित नहीं करता है. बल्कि वो उस रोशनी को आकाश समझ लेते हैं.

शोधकर्ताओं ने स्टीरियो वीडियोग्राफी जैसी तकनीक का उपयोग कर प्रयोगशाला में कीट पतंगो की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया, अलग अलग रोशनी के हालात में उनके बर्ताव को समझा और कम्प्यूटर विश्लेषण कर नतीजे निकाले. पाया गया कि कीट पतंगे रोशनी की ओर आकर्षित नहीं होते हैं. वे रोशनी के स्रोत के पास आने बाद उसके पास ही रह जाते हैं और फंस जाते हैं.

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि कीड़े खुद को रोशनी में ऐसा रखते हैं जिससे प्रकाश की दिशा उनकी पीठ की ओर रहे. लेकिन यह तरीका कृत्रिम प्रकाश में नाकाम हो जाता है, क्योंकि वे बार बार प्रकाश की दिशा से खुद को ठीक करने की कोशिश करते रहते हैं. और बार बार उसी स्रोत के आसपास चक्कर लगाते रहते हैं. इस रिसर्च ने इस धारणा को भी तोड़ा है कि कीट पतंगे कृत्रिम रोशनी की ओर गर्मी हासिल करने के लालच में जाते हैं. यानी अब हमें इस मामले में अपने विचारों को सुधारना होगा!

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