उत्तराखंड सरकार राज्य में यूसीसी लागू कर सकती है, देश में ऐसा करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन जाएगा। जानिए ड्राफ्ट तैयार करने में किन लोगों का योगदान रहा .

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समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा तैयार करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित कमेटी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ड्राफ्ट के दस्तावेज सौंप दिए हैं। माना जा रहा है कि धामी सरकार यूसीसी को लागू कर देगी, यदि इसे लागू किया गया तो उत्तराखंड यूसीसी अपनाने वाला पहला राज्य बन जाएगा। यूसीसी राज्य में सभी नागरिकों को उनके धर्म से परे एकसमान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अपने वादे के मुताबिक हमने सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई थी।

ड्राफ्टिंग कमेटी में सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी मनु गौड़ को शामिल किया गया था। जानिए सबके बारे…

1973 में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री पूरी करने के बाद जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कानूनी पेशे में शामिल हो गईं। उन्हें 1979 में बॉम्बे हाई कोर्ट में सरकारी वकील और फिर हाई कोर्ट में निवारक हिरासत मामलों के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। उन्हें 1996 में बॉम्बे हाई कोर्ट और 2011 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।उन्होंने 6 मार्च, 2020 से जम्मू और कश्मीर, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड के लिए परिसीमन आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यभार संभाला।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) प्रमोद कोहली

जस्टिस प्रमोद कोहली ने 1972 में जम्मू विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री पूरी की। 1990 में राज्यपाल शासन के दौरान उन्हें जम्मू और कश्मीर का अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त कियाऔर बाद में उन्होंने तत्कालीन राज्य के महाधिवक्ता के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने संवैधानिक, नागरिक, कराधान और कानून की अन्य शाखाओं पर मामले चलाए और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार बने, 2003 तक इस पद पर रहे। उन्हें जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

मनु गौड़

उत्तराखंड के रहने वाले गौड़ पेशे से कृषक (Agriculturist) हैं। वह TAXAB (टैक्सपेयर्स एसोसिएशन ऑफ भारत) के अध्यक्ष भी हैं, जो करदाताओं के कल्याण, जनसंख्या नियंत्रण, सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के पुनरुद्धार और भारत के विकास के मुद्दे पर काम करने वाला एक राष्ट्रीय स्तर का पंजीकृत संगठन है।

शत्रुघ्न सिंह

उत्तराखंड कैडर के 1983-बैच के आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह एक इंजीनियर भी हैं, उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से अपनी डिग्री हासिल की है। वह नवंबर 2015 में उत्तराखंड के 13वें मुख्य सचिव बने और एक साल तक इस पद पर रहे। रिटायर होने के बाद सिंह को तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा राज्य का मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया था। सीआईसी पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद, उन्हें तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत का मुख्य सलाहकार नामित किया गया था। सिंह अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य भी हैं।

डॉ सुरेखा डंगवाल

डॉ सुरेखा डंगवाल देहरादून में दून विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। इससे पहले उन्होंने उत्तराखंड के श्रीनगर शहर में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में अंग्रेजी, आधुनिक यूरोपीय और अन्य विदेशी भाषाओं के विभाग के प्रमुख के रूप में कार्य किया। डॉ. डंगवाल के पास 34 वर्षों का शिक्षण और अनुसंधान अनुभव है और वह प्रतिष्ठित जर्मन डीएएडी फेलोशिप के पूर्व प्राप्तकर्ता हैं। उनकी शोध रुचि दक्षिण एशियाई महिला अध्ययन, प्रवासी साहित्य और साहित्यिक सिद्धांत पर केंद्रित है।

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