उत्तराखंड में 10 साल बाद अगस्त महीने में सबसे कम बारिश हुई जबकि बीते दिनों प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में बर्फबारी कम होने के साथ बारिश ज्यादा हुई। 

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उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र में कहीं-कहीं हल्के बादल छाये रहने के साथ ही मौसम शुष्क रहेगा। वहीं पहाड़ों में कही-कहीं हल्की वर्षा होने की संभावना है। भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। गढ़वाल मेडल के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की से बहुत हल्की वर्षा हो सकती है। इन दिनों उत्तराखंड में कई जगहों पर गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है।उत्तराखंड में मानसून कमजोर पड़ने के बाद लगभग एक हफ्ते से वर्षा का क्रम थमा हुआ है। दून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है जिससे तापमान में भी इजाफा दर्ज किया जा रहा है।मौसम विज्ञानियों के अनुसार 23 साल में दूसरी बार सितंबर में देहरादून में पारा 35 डिग्री सेल्सियस पहुंचा। इससे पहले वर्ष 2020 में ही पारा 35 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था।

उत्तराखंड में 10 साल बाद अगस्त महीने में सबसे कम बारिश हुई है। पूरे महीने में राज्य में बारिश का आंकड़ा सामान्य से 8 फीसदी कम रहा। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में स्ट्रांग सिस्टम नहीं बना। जिसके चलते राज्य में बारिश कम हुई है। उत्तराखंड में इस बार मानसून 5 दिन देरी से आया था।जबकि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में बर्फबारी कम होने के साथ बारिश ज्यादा हुई।

4 सितंबर तक प्रदेश के पांच जनपदों में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार विशेषकर कुमाऊं मंडल के जनपदों में अगले तीन-चार दिन गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने की संभावना है।इन जिलों में पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा और नैनीताल जैसे जिले शामिल हैं। यहां 4 सितंबर तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

देहरादून, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, टिहरी, चंपावत, उत्तरकाशी, चमोली, ऊधमसिंहनगर, पौड़ी जिले में आसमान में आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे।

 

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