अब अधिग्रहीत जमीन पर स्थित सरकारी भवनों पर भी सरकार का हथौड़ा चलाने की तैयारी.

Herdyes ballabh goswami for NEWS EXPRESS INDIA

रुद्रपुर। एनएच-87 चौड़ीकरण की जद में आईं 130 दुकानों को ध्वस्त करने के बाद अब अधिग्रहीत जमीन पर स्थित सरकारी भवनों पर भी सरकार का हथौड़ा चलाने की तैयारी है। एनएचएआई ने अतिक्रमण की जद आए सरकारी विभागों के निर्माण पर नोटिस चस्पा किए हैं और विभागों को संरचनाएं हटाने के निर्देश दिए गए हैं। नोटिस में चेताया गया है कि अगर निर्माण नहीं हटाए गए तो एनएचएआई की ओर से इनको तोड़ा जाएगा।

वर्तमान में एनएच-87 की चौड़ाई 44 मीटर है। अब इसे 60 मीटर यानी डिवाइडर के दोनों ओर 30-30 मीटर चौड़ा करने की योजना है। रामपुर बार्डर से काठगोदाम तक फेस-2 में 200 करोड़ रुपये की लागत से हाईवे बनाया जाएगा। इसी के चलते एनएचएआई और जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एनएच की जद में आईं व्यापारियों की 130 दुकानों को बीते शुक्रवार तुड़वा दिया था।

अब एनएचएआई की ओर से अधिग्रहीत जमीन पर खड़े सरकारी भवनों और चहारदीवारी को हटाने की कवायद की जा रही है। उत्तराखंड ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज ने एसएलओ कार्यालय से मुआवजा लेकर नई चहारदीवारी और गेट बना लिया है। इसके अलावा 31वीं वाहिनी पीएसी और उद्यान विभाग ने भी नई चहारदीवारी बना ली है। एसएसपी कैंप कार्यालय, कोतवाली, बीएसएनएल, पोस्ट ऑफिस, नगर निगम ने अभी तक मुआवजा नहीं लिया है। अब एनएचएआई ने सरकारी कार्यालयों में नोटिस चस्पा कर संरचनाएं तोड़ने का चेतावनी दे दी है।

एनएच 87 चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत जमीन में सैकड़ों दुकानों के साथ विभिन्न सरकारी भवन, दीवारें आ रहीं थीं। एनएचएआई की ओर से व्यापारियों के साथ ही विभागों को भी पूर्व में नोटिस जारी किए थे। लेकिन किसी ने भी निर्माण को हटाया नहीं था। हालांकि कुछ विभागों ने नई चहारदीवारी बना ली थी लेकिन निर्माण नहीं हटाया था। बीते 17 मार्च को जिला प्रशासन ने भारी फोर्स के साथ दुकानों को तोड़ा था तो व्यापारियों ने सरकारी अतिक्रमण को नहीं तोड़ने पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद अब एनएचएआई की ओर से सरकारी अतिक्रमण तोड़ने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।

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