एम्स ऋषिकेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश का पहला हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा.

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एम्स ऋषिकेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश का पहला हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने हेली एबुलेंस के संचालन के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया है। केंद्र और प्रदेश सरकार साझा रूप से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर सकते हैं।

20 सितंबर 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में विधिवत रूप से एम्स में हेली एंबुलेंस के संचालन की घोषणा की थी। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के प्रभारी और हेली एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए कंपनी के साथ एक साल का टेंडर किया है।

केंद्र और उत्तराखंड सरकार 50-50 फीसदी की साझेधारी में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। अनुबंधित कंपनी एक महीने में 45 घायलों और मरीजों को निशुल्क हेली एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया, हेली एंबुलेंस पूरे उत्तराखंड के साथ उत्तरप्रदेश के 100 किमी के दायरे में सेवा मुहैया कराएगी।

हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्राइमरी ट्रामा केयर, ट्रामा टीम ट्रेंनिंग, एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट, एडवांस ट्रामा केयर फॉर नर्सेज आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं स्वास्थ्य संगठन (डीआरडीओ) की ओर से हेली एंबुलेंस के प्रशिक्षण के लिए सिम्युलेटर भी उपलब्ध कराया जाएगा। सिमुलेटर साल के अंत तक मिल जाएगा।

अप्रैल में हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होने से चारधाम यात्रियों को भी इसका लाभ मिलेगा। अब तक दुर्घटनाग्रस्त और गंभीर बीमार यात्रियों को एयर लिफ्ट कर एम्स लाया जाता था। लेकिन, अब हेली एंबुलेंस इन्हें एम्स पहुंचाएगी।

एम्स को हेली एंबुलेंस सेवा के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना जाना गर्व की बात है। हेली एंबुलेंस सेवा से पर्वतीय और दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों के गंभीर घायलों और मरीजों को समय पर उपचार मिल पाएगा। प्रोजेक्ट की सफलता से देश के अन्य राज्यों मेंं भी हेली एंबुलेंस सेवा का रास्ता खुलेगा।

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