मंगलवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की तरह अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम और देहरादून जिले के महासू देवता मंदिर का भी कायाकल्प होगा।

Saurabh chauhan for NEWS EXPRESS INDIA

केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की तरह अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम और देहरादून जिले के महासू देवता मंदिर का भी कायाकल्प होगा। दोनों धार्मिक स्थलों के विकास की योजना का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है।

मंगलवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। दोनों मंदिरों का मास्टर प्लान तैयार करने का काम अहमदाबाद की एजेंसी आईएनएस डिजाइन को दिया गया है। यह एजेंसी आर्किटेक्चर सेवा और डिजाइन कंसलटेंसी से जुड़ी है।

पर्यटन और तीर्थांटन को मिलेगा बढ़ावा
सरकार दोनों मंदिरों का सुनियोजित विकास कर वहां और अधिक सुविधाएं जुटाएगी। इससे दोनों धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। दोनों मंदिरों का विकास बदरीनाथ व केदारनाथ धाम की तर्ज पर किया जाएगा।

सरकार के फैसले से भाजपा खुश 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बदरी-केदार धाम की तर्ज पर जागेश्वर धाम और महासू देवता मंदिर का मास्टर प्लान बनाकर विकसित करने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया।

सरकार का यह कदम स्थानीय रोजगार एवं आर्थिकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला साबित होगा। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर नई हाइड्रो पावर नीति व राज्य में बड़े वेयरहाउस स्थापित करने के उद्देश्य से उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक पॉलिसी को मंजूरी, पहाड़ में बसों को परमिट टैक्स में राहत देते हुए 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करना, प्रदेश में 20 आईटीआई को कर्नाटक की तर्ज पर मॉडल आईटीआई बनाकर प्रत्येक मॉडल आईटीआई पर 10 करोड़ रुपये खर्च की अनुमति, सिटी बस में मोटरयान कर में शत प्रतिशत छूट समेत कैबिनेट के सभी निर्णयों को उन्होंने जनकल्याणकारी बताया।

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