देहरादून के सैबूवाला गांव के पास कृत्रिम झील बन गई है। जो कि तबाही का कारण बन सकती है।

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राजधानी देहरादून के डोईवाला ब्लॉक में स्थित सूर्यधार बांध से लगभग 3 किमी आगे सैबूवाला गांव के पास कृत्रिम झील बन गई है। जो कि तबाही का कारण बन सकती है। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद प्रशासन और विभागीय टीम ने इस क्षेत्र का निरीक्षण कर जल्द ही इसका कुछ उपाय तलाशने और समस्या का समाधान निकालने की बात की है। झील बनने के बाद से स्थानीय लोगों का रोजगार भी संकट में आ गया है।

मोटर मार्ग निर्माण कार्य से निकले मलबे से बनी झील

देहरादून के डोईवाला ब्लॉक में सूर्यधार झील है। जिसके आगे एक कृत्रिम झील तैयार हो गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इठराना कालबना कुखुई मोटर मार्ग के निर्माण कार्य से निकले मलबे के नदी में गिराने के कारण झील का निर्माण हुआ है। जिससे आसपास के करीब एक दर्जन गांव खतरे की जद में आ गए हैं।

रोजगार पर संकट, आपदा का डर

साथ ही इससे स्थानीय लोगों के रोजगार पर भी असर पड़ रहा है। स्थानीय गांव के लोग मत्स्य पालन और अन्य रोजगार के जरिए ही घर चलाते हैं, लेकिन पानी के रूक जाने से उनके आजीविका पर संकट आ गया है। ऐसे में प्रशासन और सरकार से उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही झील के बढ़ जाने से भविष्य में किसी तरह की आपदा आने का भी संकट खड़ा हो गया है।

प्रशासन और विभागीय टीम ने किया निरीक्षण

सोमवार को स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग, एनडीआरएफ समेत कई स्थानीय प्रशासन के लोग मौेके पर गए। अधिकारियों का कहना है कि मोटर मार्ग के निर्माण के मलबे के नदी में गिरने से झील बनी है। इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।
बताया गया कि 100 मीटर लंबी, 36 मीटर चौड़ाई, साढ़े 3 मीटर गहराई की है झील है। जिसका पानी निकालने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भी सौंप दी गई है।

सूर्यधार बांध परियोजना एक नजर में

जाखन नदी पर सूर्यधार बांध परियोजना पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है। दावा किया गया कि बांध तैयार हो जाने से रानीपोखरी न्याय पंचायत क्षेत्र के अलावा भानियावाला के18 गांवों की 35 हजार आबादी को पेयजल और सिंचाई की सुविधा मिलेगी। साथ ही बांध क्षेत्र में पर्यटन के भी नए द्वार खोलेगा। प्रोजेक्ट को पूरा करने में 64.12 करोड़ का व्यय हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार झील का निर्माण कार्य आठ नंवबर को पूरा हो गया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 25 दिसंबर 2017 को शिलान्यास किया था। 29 नवंबर 2020 को इसका लोकार्पण किया।

विवादों में है बांध परियोजना

जलाशय की धारण क्षमता 77000 घन मीटर है। लंबाई 550 मीटर और चौड़ाई 28 मीटर और गहराई 10 मीटर है। जलाशय के लिए तीन गेट बनाए गए हैं। जिनसे पानी को रोका जाता है। सूर्यधार झील में नौकायन भी शुरू किया गया था। तब सूर्यधार झील पर्यटन का नया डेस्टिनेशन बनाने का दावा किया गया। इस परियोजना में अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितता का आरोप भी लग चुका है। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सूर्यधार झील को 7 से 10 मीटर बिना परमिशन के बढ़ाने पर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई है।

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