उड़ते हुए हवाई जहाज का शीशा टूटने पर कुछ ऐसा होता है, जिसके बारे में सपने में भी नहीं सोच सकते.

VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

हवाई जहाज में हम जब भी बैठते हैं, तो दिमाग में कई सवाल आते हैं, उनमें से एक सवाल ये भी आता होगा कि अगर आसमान में उड़ते हुए हवाई जहाज का शीशा टूट जाता है, उस स्थिति में फ्लाइट में क्या होता है।

शीशे टूटने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, जब हवाई जहाज का इंजन ब्लास्ट होने के कारण इंजन का कोई टुकड़ा खिड़की से आकर लग जाता है और खिड़की का शीशा टूट जाता है। खैर, इस तरह के हादसे बहुत कम ही देखने को मिलते हैं, क्योंकि हवाई जहाज की खिड़कियों को इस तरह से बनाया जाता है कि वो हवा के दबाव को सहन कर पाए।

हवाई जहाज की खिड़की का शीशा टूटने पर एयरप्लेन का अंदर का दबाव बाहर की ओर जाने लगता है। इस दौरान जहाज के अंदर बैठे लोगों के लिए हवा का दबाव कम हो जाता है। खिड़की टूटने पर अंदर की सारी हवा बाहर की ओर निकलने लगती है और इस वजह से लोगों के लिए ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। उस दौरान हवाई जहाज भी अपनी गति में होता है, ऐसे में खिड़की के पास वैक्यूम बनने लगता है, जिससे अंदर बैठे लोगों का झुकाव बाहर की तरफ बढ़ने लगता है। जिससे अंदर बैठे लोगों का झुकाव बाहर की तरफ बढ़ने लगता है। लेकिन, जैसा कि आपने खुद देखा होगा कि फ्लाइट की खिड़की छोटी है, ऐसे में लोग बाहर जाने की बजाए, खिड़की पर ही अटक जाते हैं। ऐसी स्थिति में पायलट विमान की ऊंचाई को कम कर देता है और नजदीकी हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करवा देता है।

साल 1990 में ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट नंबर – 5390 के विमान के पायलट के सामने वाली खिड़की का शीशा कुछ खराब फिटिंग की वजह से, ऑक्सफ़ोर्ड शायर नाम की जगह के ऊपर 17000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए निकलकर गिर गया था। जिसकी वजह से अंदर की दबाव वाली हवा, इस टूटे हुए शीशे से बाहर निकली और अपने साथ एयरप्लेन में बैठे पायटल को भी खींचकर ले गई। लेकिन अच्छी बात ये रही कि वहां के एक क्रियू मेंबर और अन्य साथियों ने पायलट के पैर को तब तक पकड़कर रखा, जब तक एयरप्लेन लैंड नहीं हो गया। इस तरह पायलट की जान बच गई।

18 अप्रैल 2018 में साउथवेस्ट एयरलाइंस में कुछ इसी तरह की घटना हुई है। उस दौरान एक महिला के खिड़की में फंसने की घटना सामने आई थी। इस दौरान जहाज करीबन 32 हजार की फीट पर उड़ रहा था। तभी एकदम इंजन में खराबी आई और उसमें ब्लास्ट हो गया। इसके बाद इंजन के टुकड़ों से खिड़की का शीशा टूट गया और ऐसे तेज वैक्यूम से खिड़की के नजदीक बैठी महिला बाहर की तरफ जाने लगी। खिड़की छोटी होने की वजह से महिला खिड़की में अटक गई, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई।

अगर आप ये सोच रहे हैं कि खिड़कियां ऐसे कैसे टूट जाती हैं, तो ऐसी दुर्घटनाएं बहुत ही कम देखने को मिलती है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है जैसे उड़ता हुआ पक्षी सामने आ जाना, इंजन का ब्लास्ट होकर उसके टुकड़े शीशे से टकरा जाना, खिड़की की फिटिंग सही न होने की वजह से भी ये घटना हो सकती है। ऐसे में पायलट का काम होता है कि वो अपनी समझ से स्थिति को संभाले और हवाई जहाज की इमेरजेंसी लैंडिंग करवाए।

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