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आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आपका इंसानियत पर से भरोसा उठ जाएगा। ऐसी घटना यदि कोई किसके साथ हमदर्दी कर रहा है लेकिन उस हमदर्द का भरोसा करना भी मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि ऐसा भी हो सकता है. हमदर्दी करने वाले वे लोग इंसान के चोले में या इंसान के भेष में हैवान तो नहीं है? हरिद्वार की रहने वाली दसवीं की एक छात्रा मां की डांट से नाराज होकर घर से चली गई थी। बच्ची एक बस में बैठी। बस में 4 मजदूर और बैठे थे, जो बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए। इन मजदूरों ने मेरठ में अपने ठेकेदार के साथ मिलकर किशोरी के साथ गैंगरेप किया।
लापता होने के 20 दिन बाद छात्रा नाटकीय घटनाक्रम के तहत रोडवेज बस स्टैंड पर अपने एक रिश्तेदार को मिली। जिसके बाद परिजन उसे घर ले आए। घर लौटने के बाद किशोरी अक्सर खामोश रहती थी। परिजन उससे कई दिनों तक पूछताछ करते रहे, तब कहीं जाकर किशोरी ने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। बहरहाल किशोरी संग दरिंदगी करने वाले चारों हैवान पकड़ लिए गए हैं। पीड़ित बच्ची उत्तराखंड हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र की रहने वाली है।
जब वह लड़की अपनी मां की डांट से नाराज होकर अपने घर से निकली उसे क्या पता था. हमदर्द के रूप में उसे हैवान मिलेंगे. और सहारनपुर से मेरठ जाने के दौरान वह आरोपियों के जाल में फंस गई। इन तीन युवकों ने अपने अन्य साथी के साथ मिलकर किशोरी के साथ लगातार दुष्कर्म किया था। जिसके बाद से पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में जुटी थी। आरोपियों में अब्दुल कादिर, इसरार, नदीम और इनका ठेकेदार एहसान शामिल है। यह चारों यूपी के सहारनपुर के रहने वाले हैं। पकड़े गए आरोपी पेशे से गन्ना छीलने वाले दिहाड़ी मजदूर हैं जो कि काम के लिए मेरठ जा रहे थे। इस बीच उन्हें बस में किशोरी मिली। बच्ची डरी-सहमी थी, लेकिन उसकी मदद करने और पुलिस को सूचना देने के बजाय तीनों हैवान उसे अपने साथ ले गए। मेरठ में इन तीनों के अलावा उनके ठेकेदार ने भी किशोरी संग दुष्कर्म किया। आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण और पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।