अधिकांश रात में 3 से 4 बजे का समय होता है मौत का टाइम? क्या है इसके पीछे का रहस्य?

VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

बहुत बार हमें खबर सुनने को मिलती है कि किसी शख्स की मृत्यु सुबह 3:00 हो गई जबकि उससे पहले वह व्यक्ति भला चंगा सोया था ऐसे में बहुत से लोगों की धारणा है कि रात के तीसरे पहर को अशुभ माना जाता है। तीसरी घड़ी को दुनिया के अधिकतर धर्मों और संस्कृतियों में खतरनाक समय बताया गया है। रात के 12 बजे से 3 बजे के बीच के समय को तीसरा पहर कहा जाता है। माना जाता है कि तीन से चार बजे के बीच का समय मौत का टाइम होता है। लेकिन दिन के 3 बजे को शुभ माना जाता है, क्योंकि जीसस क्राइस्ट का निधन इसी समय हुआ था जबकि रात के 3 बजे को अशुभ कहा जाता है। लेकिन हम यह दावा नहीं कर सकते यह समय अशुभ होता है क्योंकि बहुत से ऋषि मुनि सुबह के वक्त ही अपनी मंत्र शक्ति बढ़ाते हैं पूजा पाठ करते हैं.

बताया जाता है कि इस समय इंसान बेहद कमजोर हो जाता है और शैतान की ताकत चरम पर पहुंच जाती है। इस समय लोगों को कुछ अजीब महसूस होता है जिसमे लोगों की आखों का अचानक खुल जाना, दिल की धड़कन का बढ़ना, हाथ-पैर ठंडे होना और तेजी पसीना आना शामिल है। कभी-कभी ऐसा भी होता है रात को बुरा सपना देखते देखते 3 और 4 के बीच में अचानक से आंख खुल जाती है. उस वक्त वह व्यक्ति अपने आप को बेहद थका हुआ महसूस करता है. जैसे बहुत लंबी दौड़ लगा कर आया हो. इस समय को मौत का समय मानने के पीछे कई और कारण हैं।

रात के 3 से 4 के समय को मौत का टाइम मानने के पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी हैं। विज्ञान और धर्म दोनों के तथ्यों का एक ही नतीजा सामने आता है कि सुबह 3 से 4 बजे का समय खतरनाक है। मेडिकल साइंस में कहा जाता है कि रात के 3 से 4 बजे के बीच 300 गुना ज्यादा अस्थमा के अटैक का खतरा रहता है। बताया जाता है कि इस समय एड्रेनेलिन और एंटी-इंफ्लेमेटरी हार्मोंस का उत्सर्जन शरीर में बहुत घट जाता है जिसकी वजह से श्वसनतंत्र बहुत अधिक सिकुड़ जाता है। दिन की तुलना में रात में इस समय ब्लडप्रेशर भी बहुत कम होता है। इसकी वजह से अस्थमा के अटैक की संभावना बढ़ जाती है।

14 फीसदी लोगों के इस दिन मरने का रहता है खतरा

मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सुबह 6 बजे कोर्टिसोल हार्मोन का तेजी स्त्राव होता है जिसकी वजह से खून के थक्के जमने और अटैक पड़ने की संभावना ज्यादा होती है। हालांकि रात 9 बजे ब्लडप्रेशर ज्यादा अधिक होता है जिसकी वजह से मौत का खतरा बढ़ जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक, 14 प्रतिशत लोगों के अपने जन्मदिन के दिन मरने का खतरा रहता है। अगर किसी को ज्यादा पैसा मिलता है, तो उसको भी मरने का खतरा रहता है।

बताया जाता है कि सुबह के समय अधिक सपने आते हैं। पैरानॉर्मल रिसर्चर 3 बजे से 4 बजे के समय को डेविल्स ऑवर या डैड टाइम भी कहते हैं। वह मानते हैं कि इस समय शैतानों और भूतों की गतिविधियां अधिक बढ़ जाती हैं। अधिकतर लोगों को इस समय बुरे सपने आते हैं और नींद खुल जाती है।

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