विधायक अदिति सिंह ने आखिर बीजेपी का दामन थाम ही लिया. कौन है अदिति सिंह, कैसा है राजनीतिक इनका सफर.पढ़िए पूरी खबर.

VS CHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह ने आखिर एक लंबे राजनैतिक उठापटक के बाद बीजेपी का दामन थाम ही लिया. अदिति सिंह अभी तक बागी विधायक के रूप में जानी जाती थी और हरदम भाजपा के पक्ष में ही अपनी वोटिंग करती थी लेकिन उन्होंने औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. आगामी 2022 का चुनाव अदिति सिंह के लिए काफी कठिन माना जाएगा.

अभी तक सदर सीट से भाजपा का कोई प्रत्याशी जीतने में सफल नही रहा है. अब देखना यह है कि अदिति सिंह की पॉपुलरटी इस बार काम आती है.

सदर सीट का समीकरण देखा जाए तो यहां यादव, पासी और ब्राह्मण मतदाता ज्यादा हैं लेकिन क्षत्रिय निर्णायक वोटर के रूप में माने जाते हैं. यदि अदिति भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ती हैं तो यादव व ब्राम्हण का वोट जुटाना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा.

कौन हैं अदिति सिंह?

अदिति सिंह बाहुबली पूर्व विधायक स्व अखिलेश सिंह की बेटी हैं. 2017 में अखिलेश सिंह ने अपने सदर सीट को अपनी पुत्री अदिति सिंह के नाम टिकट दिलवा कर सदन भेजा. लेकिन अदिति सिंह जीतने के लगभग एक  साल बाद से ही भाजपा से नज़दीकियां बढ़ाना शुरू कर दी और उनका कांग्रेस पर लगातार पलटवार चलता रहा.

इतना ही नहीं अदिति सिंह ने कांग्रेस की विधायक होकर भाजपा के पक्ष में वोटिंग की और भाजपा के विचारों को सर्वोत्तम बताया. जिससे नाराज होकर कांग्रेसी पदाधिकारियों से लेकर अन्य लोगों ने अदिति सिंह पर निशाना साधा और कहा था कि यदि भाजपा से इतना ही प्रेम है तो कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन क्यों नहीं लेती.

कौन थे अखिलेश सिंह

पूर्व विधायक स्वर्गीय अखिलेश सिंह लगभग तीन दशक तक सदर सीट से विधायक रहे. शुरुआती दौर की बात किया जाए तो कांग्रेस, निर्दलीय और पीस पार्टी से उन्होंने चुनाव लड़ा और लगातार वह विजय पाते रहे लेकिन अपनी बीमारी के चलते उन्होंने अपनी बेटी अदिति सिंह को सदर सीट की कमान सौंप दी और लगकर कांग्रेस से टिकट भी दिलवा दिया.

कांग्रेस सीट से उनके माथे पर जीत का सेहरा बंधा लेकिन उनका मन शुरुवात से ही भाजपा के पक्ष में रहा. इसीलिए अदिति  सिंह व हरचंदपुर के विधायक राकेश सिंह को  बागी विधायक के रूप में जाना जाता रहा. दोनों विधायक कांग्रेस के टिकट से विजेता हुए लेकिन शुरुआती दिनों से ही भाजपा के पक्ष में वोटिंग करते हैं और उनके विचारों से अपने विचार मिलाने की बात कहते आए.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *