देहरादून के बीस खाद्य कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा मानक के तहत न्यायालय में मुकदमा दर्ज।

VS chauhan KI REPORT

गुणवत्ता जांच में सैंपल फेल होने के बाद देहरादून के बीस खाद्य कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया गया है।

शनिवार तक कुट्टू के आटे के चार सैंपल परीक्षण हेतु लैब में भेजे गए
शनिवार को हुई उक्त कार्रवाई के संबंध में जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि देहरादून नगर निगम में सात, देहरादून ग्रामीण एवं मसूरी क्षेत्र में पांच, ऋषिकेश में तीन और विकासनगर में पांच खाद्य व्यापारियों पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

फेस नमूनों में से अधिकांश नमूने सब्सटेंडर्ड और मिल्क प्रोडक्ट कैटेगरी के हैं। नवरात्रि के दौरान शनिवार तक कुट्टू के आटे के चार सैंपल परीक्षण हेतु लैब में भेजे गए हैं। कुछ स्थानों से कुट्टू का आटा खराब होने की शिकायत भी मिल रही है। जिसका मुख्य कारण यह है कि कुट्टू का आटा केवल व्रत एवं नवरात्रि के सीजन में ही उपयोग होता है ओपन आटे की सेल्फ लाइफ एक माह तक होती है।

अगर ऐसा हुआ तो लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा
व्यापारी पुराना बचा आटा अगले नवरात्र तक रखते हैं, जिसमें कि फंगल व इंसेक्ट ग्रोथ के कारण आटा खराब हो जाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी इस संबंध में निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।  पीसी जोशी ने बताया कि यदि किसी व्यापारी के पास कुट्टू का आटा खराब पाया जाता है, उसका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा।

प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित आहार उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से एफडीए द्वारा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने हेतु सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है, जिसमें खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की एक रिस्पांस टीम बनाकर सैंपलिंग एवं निरीक्षण के सप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। लगातार खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी और खाद्य प्रयोगशाला को भी सुदृढ़ किया गया है।

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