लखीमपुर खीरी में हुए बवाल पर सियासत तेज है। इसका असर शुक्रवार को उत्तराखंड में देखने को मिला.

VS chauhan KI REPORT

प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए बवाल पर सियासत तेज है। सभी राजनीतिक दल इसका फायदा उठाना चाहते हैं. और किसानों के साथ मिलकर लखीमपुर मामले को और भड़का रहे हैं. आगामी चुनाव को देखते हुए वोट अपने पक्ष में करना चाहते हैं. इसका असर शुक्रवार को उत्तराखंड में देखने को मिला। दरअसल, राज्य के शिक्षा और खेल मंत्री अरविंद पांडेय को अपने विधानसभा क्षेत्र में स्टेडियम का शिलान्यास करना था। जैसे ही किसानों को इसकी भनक लगी, उन्होंने कार्यक्रम स्थल के सामने अपने टेंट गाड़ दिए।

यूपी में हुई घटना के बाद से किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान बीजेपी के सभी कार्यक्रमों का विरोध कर रहे हैं। ऊधमसिंह नगर में इसकी धमक दिखाई दी। यहां कैबिनेट मंत्री का स्टेडियम को शिलान्यास करने का कार्यक्रम था।

किसानों को इसकी जानकारी होते ही उन्होंने भारी विरोध करना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि मंत्री को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने वर्चुअल मोड में शिलान्यास किया। उन्होंने अपने विधानसभा गदरपुर के ग्राम खेमपुर में बुक्सा जनजाति के पूर्वज राजा जगत देव महाराज इंडोर स्टेडियम का शिलान्यास किया।

किसानों के विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया। मंत्री के बेटे अतुल पांडेय ने बताया कि क्षेत्र में 4 करोड़ 28 लाख की लागत से इंडोर स्टेडियम बनाया गया है। खेल मंत्री ने वर्चुअल मोड पर इसका शिलान्यास किया। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होना था। इस वजह से वे कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए।

क्या है लखीमपुरखीरी बवाल

बीते रविवार को लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचलने का मामला सामने आया था। इसमें चार किसानों, बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं, एक ड्राइवर और एक पत्रकार की मौत हो गई थी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र पर किसानों को अपनी कार से कुचलने का आरोप लगा है। हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। जबकि दूसरी तरफ किसानों के साथ आए लोगों ने बीजेपी कार्यकर्ता और ड्राइवर को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है ऐसे में दूसरे सियासी दल लखीमपुर बवाल को लेकर फायदा उठाना चाहते हैं. आने वाले चुनाव को देखते हुए इस मामले को वे और हवा देने में लगे है.

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