कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी। बृहस्पतिवार को हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इनमें कई कांवड़ियों के जत्थे शामिल थे। 

Vipin Kumar KI REPORT

कुंभ के दौरान कोविड की दूसरी लहर ने हरिद्वार में हाहाकार मचाया था। कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी। कांवड़ियों को हरिद्वार आने से रोकने के लिए बॉर्डर से लेकर रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर सख्ती की गई थी।

बॉर्डर पर निजी वाहनों को रोका जा रहा है और रोडवेज की बसों से आने वालों के लिए कोई रोकटोक नहीं है। पुलिस की सख्ती के बाद से कांवड़िए भगवा कपड़ों को छोड़कर सामान्य श्रद्धालु बनकर रोडवेज की बसों से हरिद्वार आ रहे हैं।

उत्तराखंड सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा पर रोक के बाद भी बाहरी राज्यों से काफी संख्या में शिवभक्त गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। कांवड़ियों के जत्थे आम श्रद्धालुओं की तरह यहां आ रहे हैं। एकादशी के बाद बृहस्पतिवार को द्वादशी पर भी हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इनमें कई कांवड़ियों के जत्थे शामिल थे।

सर्वाधिक कांवड़िये हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पहुंच रहे हैं। यहां से आने वाली रोडवेज की बसें भरकर आ रही हैं। कांवड़िए हरकी पैड़ी तक बिना रोकटोक पहुंच रहे हैं।

बृहस्पतिवार को हरकी पैड़ी पर काफी भीड़ रही। जत्थों में पहुंचे श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ डुबकी लगाई और गंगाजल भरकर लौटे। हरकी पैड़ी और आसपास घाटों पर अत्यधिक भीड़ होने से शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।

अधिकतर लोग बिना मास्क घूमते हैं। हरकी पैड़ी के आसपास प्लास्टिक केन की बिक्री प्रतिबंधित है। सीसीआर गेट से लेकर हरकी पैड़ी को जोड़ने वाले पुल और घाटों के आसपास प्लास्टिक केन की कई दुकानें सजी हैं।

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