ब्लैक फंगस के इलाज में रुद्रपुर सिडकुल में बने 15 हजार एम्फोटेरेसीन- बी इंजेक्शन. इसमें से 10 हजार देहरादून मेडिकल कालेज, दो हजार हल्द्वानी मेडिकल कालेज व तीन हजार डीजी हेल्थ को भेजी जा रही है।

वीएस चौहान की रिपोर्ट

ब्लैक फंगस के इलाज में रुद्रपुर सिडकुल में बने 15 हजार एम्फोटेरेसीन- बी इंजेक्शन की खेप गुरुवार को सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर सुधीर कुमार ने रिसीव कर बेहतर पैकिंग व सुरक्षा बंदोबस्त के बीच गाड़ियों से रवाना किया। जब पूरे देश मे इंजेक्शन की कमी और आपूर्ति को लेकर मरीजों के स्वजन परेशान नजर आए ऐसे में रुद्रपुर एक आशा की किरण के तौर पर उभरकर पूरे देश के सामने आया। जागरण अपने जनसरोकार के स्वस्थ समाज की अवधारणा को आत्मसात करते हुए इंजेक्शन के निर्माण की शुरुआत होने के पहले दिन से लगातार खबरें दे रहा है। इंजेक्शन की पहली 15 हजार की खेप सिडकुल स्थित फार्मा कंपनी से देहरादून, हल्द्वानी मेडिकल कालेज व डीजी हेल्थ को सौंपे जाने के लिए रवाना हुई। इसमें से 10 हजार देहरादून मेडिकल कालेज, दो हजार हल्द्वानी मेडिकल कालेज व तीन हजार डीजी हेल्थ को भेजी जा रही है।

उत्तराखंड के ड्रग कंट्रोलर तेजवर सिंह अभी फिलहाल 15 हजार एंफोटेरेसिन-बी के इंजेक्शन बनाए गए हैं। कंपनी से कहा गया है कि कम से कम तीन बैच के लिए रा मैटेरियल तैयार करके रख लें। ताकि डिमांड बढ़ने पर प्रोडक्शन तत्काल शुरू किया जा सके।

आठ डिग्री सेल्सियस का मेंटेन रखा जाएगा तापमान

ड्रग कंट्रोलर तेजवर सिंह ने बताया कि इंजेक्शन की पैकिंग के बाद इनको विशेष फ्रीजर युक्त गाड़ियों में रखकर भेजा गया है। जिसका तापमान एक से आठ डिग्री सेल्सियस तक रखना होता है। इसके लिए फार्मा कंपनी ने अपनी तरफ से गाड़ियों का इंतजाम किया है। जिससे इसको देहरादून तक ले जाने में किसी प्रकार की समस्या न हो।

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