छत्रसाल स्टेडियम को ख्याति प्राप्त पहलवान सुशील ने किसी भी तरह के विवादित मामले को सुलझाने के लिए पंचायत का अड्डा बना रखा था। सुशील की ऊंची राजनीतिक पहुंच के कारण, गैंगस्टर भी उससे फायदे के लिए जुड़े.

नोएडा से मुकेश कुमार की रिपोर्ट

पुलिस की जानकारी के अनुसार सागर धनखड़ हत्याकांड में फंसे ओलंपियन सुशील कुमार को जिस किसी ने देखा होगा निश्चित तौर पर उसकी शराफत के अंदाज को देखकर कायल हो गया होगा। सुशील की ख्याति के बारे में जानने वाले आम लोग उसपर नाज करते रहे हैं, जबकि बहुत कम लोग उसके पर्दे के पीछे के चेहरे के बारे में जानते होंगे। अब लोग जब सुशील के पर्दे के पीछे के चेहरे के बारे में जानेंगे तो उन्हें हैरानी होगी। पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले पांच-सात सालों से सुशील दिल्ली व हरियाणा समेत आसपास के राज्यों के गैंगेस्टरों से संबंध गांठ कर कई तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त हो गया था। चूंकि कुश्ती के क्षेत्र में देश में सबसे ज्यादा ख्याति प्राप्त करने के कारण उसकी तूती बोलने लगी थी, इसलिए इसकी आड़ में उसके कारनामे छिपते रहे। कभी किसी ने उसपर अंगुली नहीं उठाई। जिसने उठाई उसकी सुनी नहीं गई। छत्रसाल स्टेडियम को सुशील ने किसी भी तरह के विवादित मामले को सुलझाने के लिए पंचायत का अड्डा बना रखा था।

पुलिस का कहना है कि पश्चिमी व बाहरी दिल्ली के साथ ही हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों के कई पहलवान कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी, असोदा, नीरज बवाना, सुंदर भाटी, अनिल दुजाना, आदि गैंगस्टरों से जुड़े हैं, जिनमें कई सुशील को रोल माडल मानते हुए उससे जुड़े हुए हैं। सुशील खेल की दुनिया से अलग होकर कमाई के मकसद से गैंगस्टरों से धीरे-धीरे नजदीकी बढ़ाकर अवैध गतिविधियों में संलिप्त हो गया। दरअसल, सुशील के दिल्ली व हरियाणा पुलिस के कई अधिकारियों से बेहतर संबंध हैं। साथ ही ऊंची राजनीतिक पहुंच भी है, इसलिए गैंगस्टर भी उससे फायदे के लिए जुड़े हैं। सुशील के बेहतर संबंधों का वे कहीं न कहीं लाभ उठाते हैं।

पुलिस सूत्रों की मानें तो इन गैंगस्टरों की बदौलत सुशील ने पिछले कई सालों से दिल्ली के टोल के ठेके से लेकर विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का धंधा शुरू कर दिया था। बताया जाता है कि सुशील के साथ रहने वाले पहलवालों ने उगाही का धंधा भी शुरू कर दिया था। विवादित प्रॉपर्टी को लेकर जब विवाद खड़ा होता था, अथवा उगाही को लेकर सुशील के पास शिकायत पहुंचती थी या अलग-अलग गिरोह के बदमाशों के बीच किसी मसले को लेकर झगड़ा होता था तो इन सभी मामलों को सुलझाने के लिए सुशील दोनों पक्षों को मीटिंग के लिए छत्रसाल स्टेडियम में ही बुलाता था। पुलिस का कहना है कि स्टेडियम में कई ऐसे लोगों को सुशील ने पहलवान के तौर पर रहने का ठिकाना मुहैया करा रखा है, जिनका पहलवानी करने से कोई लेना देना नहीं है।

सूत्रों की माने तो सुशील के सभी काले कारनामे अब तक छिपे हुए थे, लेकिन पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में फंस जाने के बाद अब उसके कारनामों को पुलिस ने उजागर करना शुरू कर दिया है। पुलिस उसके गैंगस्टरो से संबंध की पड़ताल करने में जुट गई है। चार मई की रात पुलिस ने स्टेडियम के बाहर से जो पांच कारें बरामद की थीं, उनमें दो हथियार भी मिले थे। कारों के नंबरों की जांच करने पर पता चला कि इनमें से एक ब्रेजा इसी साल दिसंबर में रोहिणी सेक्टर 16 से चुराई गई थी। उस पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी और वह रोहतक के कारोबारी की निकली।

जांच से यह भी पता चला कि बाकी चार कारों में से एक बदमाश मोहित की थी, जो कुख्यात नीरज बवाना गिरोह का बदमाश है। तीन अन्य गुरुग्राम स्थित एक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड निकलीं। पुलिस जब कंपनी के पते पर गुरुग्राम पहुंची तो वहां उक्त नाम की कोई कंपनी नहीं मिली। पुलिस को जांच में असौदा गैंग के बदमाशों के भी वारदात में शामिल होने की जानकारी मिली है। यह गिरोह लूट व हत्या की वारदातों में संलिप्त रहा है। ऐसे में पुलिस यह मान रही है कि बरामद कारों का इंतजाम बदमाशों ने ही किया होगा।

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