हम आपको एक ऐसी ही गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसके अंदर करोड़ों का खजाना छिपा है. लेकिन, आज तक कोई भी इंसान इस खजाने के पास नहीं पहुंच सका. पढ़िए पूरी कहानी.

वीएस चौहान की रिपोर्ट

जब हम छोटे थे अपने बुजुर्गों से रहस्य भरे कई किस्से कहानियां सुनते थे जिसे सुनकर एक अलग ही आनंद आता था उस वक्त ऐसा लगता था इस दुनिया को हम भी देखें लेकिन इस दुनिया में ऐसी होनी अनहोनी कहानियां है ऐसे स्थान है ऐसे ऐसे में मंदिर है रहस्यमई गुफाएं हैं जिनके बारे में जानकारी प्राप्त करने की हर एक व्यक्ति की इच्छा होती है लेकिन इसमें कितना सच है कितना झूठ है यह कहना बड़ा मुश्किल होता है फिर भी कुछ तो ऐसा जरूर होता है जो पुराने समय में घटित हुआ होगा.

ये दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है. कुछ रहस्यों से समय-समय पर पर्दा उठते रहता है. लेकिन, कुछ की गुत्थी आज तक नहीं सुलझ नहीं सकी. इस लिस्ट में भारत का एक गुफा भी शामिल है, जिसकी सच्चाई आज तक सामने नहीं आ सकी. गुफाओं से जुड़ी कई कहानियां आपने सुनी होगी. गुफाओं में धन-दौलत छिपाने के भी कई किस्से हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी ही गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसके अंदर करोड़ों का खजाना छिपा है. लेकिन, आज तक कोई भी इंसान इस खजाने के पास नहीं पहुंच सका.

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार के राजगीर में दो आर्टिफिशियल गुफाएं हैं. एक गुफा के बाहर मौर्यकालीन कलाकृतियां मिली हैं. वहीं, दूसरी गुफा के प्रवेश द्वार पर गुप्त राजवंश के भाषा या चिह्नों में कुछ शिलालेख मिले हैं. रिपोर्ट की मानें तो इन गुफाओं का निर्माण ‘जैन मुनि’ ने किया था. इन गुफाओं का निर्माण काल चार शताब्दी ई.पू. बताया जाता है. वहीं, एक गुफा के बाहर विष्णु की मूर्ति और जैन कलाकृतियां बनी हुई हैं. कुछ शोधकर्ताओं ने इन गुफाओं की जांच भी की और यह निष्कर्ष निकाला कि इनका संबंध बौद्ध धर्म से है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इन गुफाओं को सोने का भंडार भी कहा जाता है. अब आपको मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इसे सोने का भंडार क्यों कहा जाता है?

कई तरह की हैं मान्यताएं

कुछ कहानियों के मुताबिक, इन गुफाओं के अंदर काफी सारा सोना छिपा है. सोने के खजाने तक पहुंचने का एक रास्ता भी है, लेकिन आज तक वहां कोई नहीं पहुंच सका. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यहां जरासंध या बिंबिसार का खजाना भी छिपा है. क्योंकि, गुफा से कुछ दूर एक जेल है जहां अजातशत्रु ने अपने पिता बिंबिसार को बंदी बनाया था. इतना ही नहीं गुफा की दीवार पर कुछ गुप्त शिलालेख भी है, जिसे आज तक कोई नहीं पढ़ पाया. लोगों का मानना है कि जो भी इसे पढ़ लेगा वह खजाने का रास्ता ढूंढ लेगा. लेकिन, आज तक ऐसा नहीं हो सका. बहुत लोगों ने अंदर जाकर खजाने को ढूंढने की कोशिश भी की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. अंग्रेजों ने इसे तोप के गोले से विस्फोट कर अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. लिहाजा, इस गुफा की सच्चाई आज तक सामने नहीं आ सकी.

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