उत्तराखंड में राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़े ये बता रहे हैं कि कोरोना संक्रमण ने बच्चों को किस तरह से अपनी जद में लिया है. स्टेट कोविड कंट्रोल रूम के आंकड़ों में चौंकाने वाली बात सामने आई है. जानकारी के लिए पढ़िए पूरी खबर.

वीएस चौहान की रिपोर्ट

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने जमकर कहर बरपाया है. वहीं, ये महामारी का दौर अभी थमा नहीं है. वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर और भी घातक हो सकती है. साथ ही उनका कहना है कि ये लहर खासकर बच्चों के लिये खतरनाक हो सकती है. इस बीच उत्तराखंड में राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में चौंकाने वाली बात सामने आई है. इस वर्ष एक से 20 मई तक 2044 जिनकी उम्र 9 साल से कम है, कोरोना महामारी से संक्रमित पाये गये. साथ ही 8661 ऐसे बच्चे थे जिनकी उम्र 10 से 19 साल की बीच थी.

कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच उत्तराखंड में पिछले बीस दिनों में 2044 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। शनिवार की शाम को जारी हेल्थ बुलेटिन से इस बात की पुष्टि हुई है। एक से 20 मई तक नौ साल से कम उम्र के 2044 बच्चे और 10 से 19 साल तक के आयु वर्ग में 8661 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। और इन बीस दिनों में राज्य में 1,22,949 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

20 दिन में एक लाख से ज्यादा लोग संक्रमित

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शनिवार को 13 जनपदों में 2903 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। 24 घंटे में 64 कोरोना मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा है। वहीं, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़ जिले में विभिन्न अस्पतालों ने कई दिन पहले हुई कुल 70 कोरोना मरीजों की डेथ आडिट रिपोर्ट दी है।

इन्हें मिलाकर अब तक 5734 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेेश में संक्रमित मामलों में कमी आने और रिकवरी दर बढ़ाने के बाद भी मृत्यु दर में बढ़ रही है। वर्तमान में प्रदेेश की मृत्यु दर 1.85 प्रतिशत है। जो राष्ट्रीय औसत दर से 65 प्रतिशत अधिक है।

देहरादून जिले में 610 कोरोना मरीज मिले हैं। हरिद्वार में 465, टिहरी में 281, पौड़ी में 297, नैनीताल में 256, अल्मोड़ा में 221, ऊधमसिंह नगर में 183, चमोली में 160, रुद्रप्रयाग में 131, पिथौरागढ़ में 112, चंपावत में 89, बागेश्वर जिले में 40 संक्रमित मिले हैं। संक्रमितों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने से सक्रिय मामले कम हो रहे हैं। वर्तमान में 57929 सक्रिय मरीजों का अस्पताल व होम आइसोलेशन में उपचार किया जा रहा है।

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