सोमवार को भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों के एक केदारनाथ भगवान केदारनाथ के धाम के कपाट विधि-विधान के साथ अगले छह माह के लिए खोल दिए गए। 

राजेंद्र सिंह की रिपोर्ट

आज सोमवार को भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों के एक केदारनाथ भगवान केदारनाथ के धाम के कपाट विधि-विधान के साथ अगले छह माह के लिए खोल दिए गए। बाद बाबा केदार की छह माह की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों के तहत कपाटोद्घाटन परंपराओं के साथ हुआ। इस वर्ष भी श्रद्धालु इस पावन क्षण के साक्षी नहीं बन पाए। सोमवार सुबह 5 बजे मेष लग्न में धाम के कपाट खोल दिए गए।महाकाल ग्रुप ऋषिकेश द्वारा गुलाब, गेंदा, बसंती व कमल के मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है।

सोमवार को तड़के तीन बजे से केदारनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना शुरू हूई। मुख्य पुजारी बागेश लिंग द्वारा केदारनाथ बाबा की समाधि पूजा के साथ अन्य धार्मिक कार्य पूरे किए गए। इसके बाद निर्धारित समय पर सुबह 5 बजे रावल भीमाशंकर लिंग, जिलाधिकारी मनुज गोयल और देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य अधिकारी बीडी सिंह समेत अन्य आला अधिकारियों की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान के साथ खोल दिए गए। केदारनाथ मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर स्थित है।

वयोवृद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती बताते हैं कि भगवान केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन केदारघाटी के ग्रामीणों के लिए नववर्ष के पहले दिन जैसा होता है।इसी पावन दिन पर वे अपनी वर्षभर की आजीविका का लेखाजोखा तैयार करते हुए नए कार्य का श्रीगणेश करते हैं।यात्रा से घाटी के 80 से अधिक गांवों के हजारों परिवार जुड़े हैं।

यात्रा में बच्चा हो चाहे बड़ा, हर कोई किसी ने किसी रूप से जुड़ा होता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण बीते दो वर्षों से हालात काफी बदले हुए हैं।

केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना है कि बाबा केदार इस मुश्किल घड़ी से मुक्ति दिलाएंगे और फिर से क्षेत्र व धाम में रौनक होगी।

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