वीर चौहान की रिपोर्ट
राजधानी देहरादून समेत उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही प्रवासियों का अपने घरों के जाने का भी सिलसिला शुरू हो गया है। यही वजह है कि देहरादून-गोरखपुर राप्तीगंगा और देहरादून-हावड़ा उपासना एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। रेलवे अधिकारियों की मानें तो यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के यात्री राप्ती गंगा और उपासना जैसी ट्रेनों से अपने घरों को जा रहे हैं।
वहीं, देहरादून से नई दिल्ली के बीच संचालित शताब्दी और जनशताब्दी जैसी ट्रेनों में यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है। इसका कारण है नई दिल्ली में बढ़ता कोरोना का प्रकोप।
रेलवे अधिकारियों की मानें तो कोरोना संक्रमण के डर से यात्री ट्रेनों में यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। पिछले 10 दिनों के भीतर हजारों की संख्या में यात्रियों ने अपने आरक्षण भी निरस्त कराए हैं। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए तमाम एहतियाती कदम उठाए गए हैं। लेकिन, इसके बावजूद ट्रेनों में बड़ी संख्या मे कोरोना संक्रमित यात्री मिल रहे हैं।
देहरादून रेलवे स्टेशन पर निजी कंपनी द्वारा की गई जांच में अब तक 400 से अधिक यात्री कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। वहीं, रेलवे बोर्ड के निर्देश पर अधिकारियों, कर्मचारियों को मास्क और दस्ताने मुहैया कराने के बाद अब फेसशील्ड भी मुहैया कराया गया है।
वहीं, उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों को जाने वाली ट्रनों को भी निरस्त किया गया है। मुरादाबाद मंडल की 12 ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। इनमें देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी एक्सप्रेस भी शामिल है।
स्टेशन अधीक्षक (परिचालन) सीताराम शंकर ने बताया कि अभी तक देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी, देहरादून नई दिल्ली शताब्दी और जन शताब्दी के अलावा देहरादून-प्रयागराज लिंक एक्सप्रेस, देहरादून-कोटा नंदा देवी एक्सप्रेस, देहरादून-पुरानी दिल्ली मसूरी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों का संचालन हो रहा है।
कोरोना संक्रमण बढ़ने से ट्रेनों में सफर करने वालों की संख्या काफी कम हो गई है। ट्रेनों में यात्रियों की संख्या कम होने के चलते रेलवे बोर्ड ने मुरादामंडल की 12 ट्रेनों पर रोक लगा दी है। इसमें देहरादून से संचालित होने वाली देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी एक्सप्रेस भी है