वीएस चौहान की रिपोर्ट
उत्तराखंड प्रदेश में निजाम बदलने के साथ ही बदलाव की बयार चल पड़ी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से त्रिवेंद्र राज में ताकतवर माने जाने वाले अफसरों और सलाहकारों की विदाई के बाद अब नौकरशाही में खलबली है। आने वाले दिनों में सरकार में बड़े प्रशासनिक फेरदबल के आसार जताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को प्रशासनिक बदलाव के लिए होमवर्क करने को कह दिया गया है।
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने बदलाव की शुरुआत सचिवालय से की। मुख्यमंत्री कार्यालय से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के तकरीबन सभी अधिकारियों को बदल दिया गया है। सचिव अमित सिंह नेगी और विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते को छोड़कर बाकी सभी अधिकारियों की विदाई कर दी गई है।ताकतवर नौकरशाह आईएएस अधिकारी राधिका झा सचिव मुख्यमंत्री पद से कार्यमुक्त हो चुकी हैं। त्रिवेंद्र के सलाहकारों को भी हटा दिया गया है।
जहां तक माना जा रहा है कि सूत्रों के मुताबिक, सचिवालय में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, प्रभारी सचिव व अपर सचिवों के विभागों में फेरबदल हो सकता है। मुख्यमंत्री के पास 20 विभाग हैं, जिनमें वह अपनी पसंद के नौकरशाहों को रख सकते हैं। कुछेक नौकरशाहों को इसके संकेत दे भी दिए गए हैं।इस बात की चर्चा है कि कुछ जिलों में जिलाधिकारी व पुलिस कप्तानों को बदला जा सकता है। नए मुख्यमंत्री पर पार्टी विधायकों का भी डीएम व कप्तान बदले जाने का दबाव है। सूत्रों के मुताबिक, त्रिवेंद्र सरकार में जिन जिलाधिकारियों को फ्री हैंड रहा है, उन्हें दूसरी नई जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सरकार में बनाए गए दर्जाधारियों में भी बेचैनी का आलम है। उनकी कुर्सी बचेगी या जाएगी, इसे लेकर भी निर्णय होना है। अभी सरकार के स्तर पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। जिस तरह से त्रिवेंद्र सरकार के प्रभावशाली सलाहकारों की छुट्टी की गई है, इसे देखते हुए कई दायित्वधारियों को भी अपनी कुर्सी खिसकने का खतरा सता रहा है। सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि संगठन से बातचीत करके मुख्यमंत्री इस पर निर्णय ले सकते हैं। संवैधानिक दायित्वों को छोड़कर बाकी की समीक्षा होने के संभावना है।