देहरादून में किट्टी कमेटियों का कारोबार

वीएस चौहान की रिपोर्ट

देहरादून में किट्टी कमेटियों का कारोबार  खूब चला।  शुरुआत में गोल्ड किट्टी में लोग अपने रुपए जमा किया करते थे। लेकिन वहां पर किट्टी पूरी होने पर लोगों को जमा किए रुपयों के बदले गोल्ड मिल जाता था। इसके बाद टीवी फ्रिज एलईडी टीवी आदि जैसे रुपयों के बदले सामान देने की किट्टियां शुरु हुई। किट्टी का समय पूरा होने के बाद जमा  किए रुपयों के बदले इतनी कीमत का सामान मिल जाता था। फिर नगद रुपया वाली किट्टी शुरू हुई।इन  किट्टी में बहुत ज्यादा लोग ज्यादा रुपया पाने के लालच में फंस गए। लोगों के मुताबिक अगर इसको गौर से समझें ले तो यह किटी वाले लोग हजार रुपया या  1500 रुपया हर महीने जमा करते थे। एक ग्रुप में लगभग  सौ लोगों का टारगेट होता था। और यह रुपया 20 महीने तक जमा करना होता था। 20 महीने तक हर महीने किसी अच्छे रेस्टोरेंट में या किसी अच्छे होटल में तंबोला पार्टी का आयोजन होता था।जहां एक ड्रॉ निकाला जाता था। जिस भी व्यक्ति के नाम पर ड्रॉ निकल जाता था उस व्यक्ति को जो रकम 20 महीने बाद मिलनी थी। ड्रा में नाम आने के कारण उस व्यक्ति को वह रकम उसको पहले ही दे दी जाती थी। इस तरह यह पार्टियां 20 महीने तक चलती थी। 20 महीने के बाद जो लोग बाकी रह जाते थे। या कहें जिनका ड्रॉ में नाम नहीं आ पाया था। उनको  20 महीने तक जमा की गई रकम  या  1000 या ₹2000 बढ़ा के दे दी जाती थी। यह किट्टी ऑर्गेनाइज करने वाले लोग  1 महीने में  कई कई ग्रुप चलाते थे।अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं 1 महीने में इन लोगों के पास कितनी बड़ी रकम इकट्ठा होती थी। शुरू में सब कुछ सही चलता रहा। लेकिन आखिर में  बहुत सारे लोगों की इकट्ठा की गई रकम वापस करने के वक्त किट्टी ऑर्गेनाइज करने वाले लोगों के पास रुपया कम रह गया। नतीजा यह रुपया वापस ना करने की स्थिति में  कुछ गिट्टी ऑर्गेनाइजर को जेल की हवा खानी पड़ी। कुछ ऐसे भी थे उनको यह बात शुरू में ही समझ में आ गई  कि यह रुपया आखिर में वापस करना बहुत मुश्किल पड़ेगा इसलिए  उन लोगों ने  अपनी किट्टी  ग्रुप को  पहले ही बैंडअप कर लिया।  और इस कारोबार से बाहर हो गए।लेकिन कुछ लोग इतने शातिर थे कि लोगों का करोड़ों का रुपया इकट्ठा कर लिया। और वापस करने के वक्त  उन लोगों ने कई कई वकील तैयार कर लिए ।ताकि जेल ना जाना पड़े और जिन लोगों की देनदारी थी।  उनको  अपनी शर्तों पर रुपया वापस  करते । या देनदारी के रुपयों के बदले उनको एमआरपी मूल्य पर बाजार का सामान खरीद कर देते थे।आज की स्थिति यह है कि  बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने  किट्टी ऑर्गेनाइजर  लोगों के पास  रुपया जमा किया। और अपना रुपया वापस लेने के लिए जमा करने वाले लोग इन लोगों के चक्कर काट रहे हैं ।बहुत सारे लोगों ने इन किटी वालों की अलग-अलग  इलाके के थानों पर कई थानों में शिकायत की है । और  मीडिया के लोगों को भी बताया है। पहले तो उनको रुपया वापस भी नहीं किया जाता है। यदि रुपया करने वापस करने के नाम पर  उनको सस्ता सामान  महंगे एमआरपी मूल्य पर दिया जाता है। यह लोग  थोक का काम करने वाले लोगों से  बेहद सस्ते मूल्य में सामान खरीदते हैं ।जिन आज इन लोगों की देनदारी है उनको  एमआरपी मूल्य पर  सामान देते हैं यहां भी पैसा वापस करने के नाम पर एक  सीधे-साधे लोगों को ठगी का एक रास्ता शुरू कर लिया है हालांकि करोना काल के समय सभी के कारोबार धीमी हो चले या बंद हो  गए। देहरादून में किट्टी कमेटी का कारोबार के अगले भाग में आपको चौंकाने वाली और कई जानकारियां पढ़ने को मिलेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *